मोबाइल के चंगुल में जकड़ता बचपन, जानें कितना अलग था 90’S के बचपन का दौर

छोटी-छोटी परेशानियों से बचने के लिए मां-बाप बच्चों को गहरी खाई में धकेल रहे हैं. आगे जाकर इन बच्चों का फ्यूचर खराब होता है. ये पूरी तरह से मोबाइल की चंगुल में जकड़े जाते हैं. और फिर उस से बाहर नहीं निकल पाते हैं. आज हम इन्हीं मुद्दों पर बात करेंगे.

मोबाइल के चंगुल में जकड़ता बचपन, जानें कितना अलग था 90’S के बचपन का दौर