हाजीपुर(HAJIPUR): बेशक बिहार में अवैध शराब का कारोबार और शराब से मौतों का सिलसिला जारी है, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री हैं जो बिहार को शराब मुक्त घोषित करने में जुटे हैं. बिहार सरकार में मंत्री मदन साहनी ने शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से मौतों के सवाल पर अजीब बयान दिया और कहा की जहरीली शराब पीने वाले गैरकानूनी काम कर रहे हैं.
जहरीली शराब और शराब से मौतों पर मंत्री जी ने ना केवल शराब से मरने वालों को ही जबाबदेह बना दिया , बल्कि मरने वालों को ही क़ानूनी लफड़े में लपेट लिया. बिहार में शराब और शराब से हो रही मौतों से नीतीश कुमार की सरकार लगातार सवालों के घेरे में हैं. मंत्री जी ने जिस तरीके से जहरीली शराब से मरने को गैरकानूनी बताया उससे तो शायद यही लगता है कि सरकार जहरीली शराब से मरने वालों को अब कहीं जेल ना भेज दे.
मुंह सूंघ कर देख लीजिये...किसी ने शराब नहीं पीयी
शराब नीति के समर्थन में JDU और सरकार में शामिल नेता तमाम दावे कर रहे हैं लेकिन शराबबंदी के समर्थन में JDU नेता और बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने जो कहा , हैरान करने वाला दिखा. जहरीली शराब से हो रही मौतों और शराबबंदी की विफलता को लेकर मंत्री जी से सवाल हुआ तो मंत्री मदन सहनी ने कहा की अगर शराबबंदी न होती तो मेरे कार्यक्रम में शामिल कई लोग नशे में धुत्त मिलते. मदन सहनी से कहा की अभी शाम का वक्त है. भला हो शराबबंदी का की मेरे समर्थक नशे में नहीं है. यकीन न हो तो इनके मुंह सूंघ कर देख लीजिये. किसी ने शराब नहीं पीयी. दरअसल JDU नेता और बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी आरक्षण अधिकार पदयात्रा को लेकर वैशाली के लालगंज पहुंचे थे. सवाल जब शराबबंदी की विफलता और शराब से हो रही मौतों को लेकर हुआ तो मंत्री जी ने अपने कार्यकर्ताओ का ही उदाहरण देते हुए कह दिया की शराबबंदी न होता तो मेरी सभा में मौजूद कई कार्यकर्ता समर्थक नशे में मिलते. अपनी सरकार की नीति का समर्थन और समर्थन में बयानबाजी तो ठीक है , लेकिन अपने कार्यकर्ताओं की यूं पोल खोलना भी ठीक नहीं.
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