टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड बोर्ड की 10वीं की पेपर लीक मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है. एक तरफ कोडरमा से एक स्कूल के संचालक को गिरफ्तार किया गया है. वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग व पुलिस गढ़वा भी पहुंची. दरअसल कोडरमा से जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था उसने पूछताछ में अपना पता गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड का दिया था. जिसकी जांच के लिए जांच टीम गढ़वा भी पहुंची. साथ ही इस मामले में गिरिडीह और कोडरमा डीसी से भी स्पष्टीकरण की मांग की गई है.
2 दिन पहले लीक हुआ था पेपर
बताया गया कि पेपर 2 दिन पहले लीक हुआ था. 20 फरवरी को परीक्षा के बाद जब लिखित प्रश्नपत्र का मिलान वास्तविक प्रश्नपत्र से किया गया तो वह बिल्कुल एक जैसा पाया गया, जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया.
आपको बता दें कि 20 फरवरी को परीक्षा से पहले साइंस का पेपर वायरल हो गया था. JAC की जांच में इसे सही पाया गया है. JAC के चेयरमैन नटवा हांसदा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब 20 फरवरी को सुबह 9.45 बजे प्रश्नपत्र खोला गया तो उसका मिलान वायरल प्रश्नपत्र से किया गया. तुलना में मामला सही पाया गया. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक भी की है.
10वीं के पेपर लीक का आखिर कौन जिम्मदार
परीक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए कि परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ हो रही है. तो अब यहां सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि जब परीक्षा में पारदर्शिता बरता जा रहा है तो पेपर लीक कैसे हो गया. अब इस बात की जांच हो रही है कि इस पूरे खेल में कौन शामिल है. इसके पीछे कौन है? देखना दिलचस्प होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है.