रांची(RANCHI) रामगढ़ उपचुनाव के लिए मतदान जारी है, अब तक की मिली जानकारी के अनुसार सुबह 11 बजे तक करीबन 38 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया है, इस प्रकार माना जा रहा है कि वोटिंग प्रतिशत काफी ऊंचा जाने वाला है.
गोला गोली कांड में ममता देवी की गयी थी विधायकी
यहां हम बता दें कि यह उपचुनाव गोला गोली कांड में कांग्रेस पार्टी की विधायिका ममता देवी की सदस्यता जाने के बाद की जा रही है, ममता देवी फिलहाल इस मामले में हजारीबाग कारगार में बंद है और उन्होंने जेल से ही रामगढ़ की जनता के नाम एक पत्र जारी किया है, जिसमें उनके द्वारा अपने उपर लगे तमाम आरोपों को ठुकराते हुए यह दावा किया गया है कि उनका कसूर मात्र इतना था कि वह हर दुख-दर्द में रामगढ़ की जनता के साथ खड़ी रहीं, यही कारण है कि लूटरे और शोषक समूहों के द्वारा उनके खिलाफ साजिश रची गई, और उन्हे अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी. इसके साथ ही उनके द्वारा अपने पति और कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग महतो के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई है.
रामगढ़ से तीन-तीन बार विधायक रहे चन्द्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी से है मुकाबला
यहां हम यह भी बता दें कि जहां कांग्रेस ने यहां से ममता देवी के पति को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं आजसू ने यहां से तीन-तीन बार विधायक रहे चन्द्रप्रकाश चौधऱी की पत्नी सुनीता चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है, साफ है कि चन्द्रप्रकाश चौधरी की इस इलाके में अच्छी पकड़ है और इसका लाभ आजसू-भाजपा गठबंधन को मिल सकता है, इसके साथ यह भी जानना जरुरी है कि पिछले चुनाव में जब ममता देवी ने रामगढ़ से जीत का परचम फहराया था, तब भी उनके मुकाबले में आजसू से सुनीता चौधरी ही मैदान में थी, लेकिन तब आजसू और भाजपा का साथ टूट चुका था, इसकी परिणति आजसू उम्मीदवार की हार के रुप में सामने आयी थी, तब ममता देवी को 99,994 मत, आजसू उम्मीदवार सुनीता चौधरी को 71,226 मत और भाजपा उम्मीदवार रणजंय कुमार को 31,874 मत मिले थें. लेकिन इस बार राजनीतिक परिदृश्य बदला हुआ है, इस बार भाजपा और आजसू संयुक्त रुप से महागठबंधन के मुकाबले में हैं. इस प्रकार मुकाबला काफी रोमांचक होने जा रहा है.
अब तक चार-चार उपचुनावों में महागठबंधन फहरा चुका है जीत का परचम
लेकिन इसके साथ ही एक और बात भी जाननी जरुरी है कि 2019 के बाद अब तक हुए चार-चार उपचुनावों में झामुमो के नेतृत्व में महागठबंधन ने अपना चुनावी परचम लहराया है, मांडर, मधेपुर, दुमका और बेरमों के बाद यह पांचवीं बार है जब महागठबंधन भाजपा और आजसू का मुकाबला कर रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार रामगढ़ की जनता किसको अपना समर्थन देती है.
लेकिन एक बात तो साफ है कि स्थानीय नीति और नियोजन नीति का मुद्दा इस चुनाव पर अपना असर डालेगी. यह चुनाव यह तय करने जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन की नीतियों का जनता में कितना समर्थन है.