टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-कांग्रेस पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम समय-समय पर अपनी ही पार्टी पर बरसते नजर आते हैं. उनके तीखे, तल्खी और तेवर भरे बयान से पार्टी की काफी फजीहत हो जाती, कांग्रेस के सामने तो इसका जवाब देते नहीं बनता और असहज, अपमानित महसूस करती है. प्रमोद कृष्णम तो लगता है कि अब कांग्रेस पार्टी के लिए नासूर बन चुके हैं, जो न उगलते बन रहे हैं औऱ न ही निगलते. अभी केन्द्र की मोदी सरकार को बेदखल करने के लिए कांग्रेस हर दांव जोर-शोर से चल रही है, पांच विधानसभा चुनाव के लिए कमसर कसकर सभी मैदान में कूदे हुए हैं. इस बीच प्रमोद कृष्णम ने एकबार फिर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकार लताड़ लगायी है.
‘राम मंदिर ही नहीं राम से भी करते हैं नफरत’
आचर्य प्रमोद कृष्णम ने बोला है कि कांग्रेस में ही कुछ ऐसे नेता है, जिन्हें राम मंदिर से नहीं राम से भी नफरत है. हिंदुत्व से नहीं हिंदू शब्द से नफरत है.वे हिंदू धर्मगुरुओं का अपमान करना चाहते हैं. उनका साफ माना है कि जो राम से नफरत करता हो, वो हिंदू नहीं हो सकता. राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं, उसे सारी दुनिया जानती है. इससे करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है. अपने इस बयान के बाद उन्होंने साफ किया कि पार्टी का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं है कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए.
‘विपक्ष भारत से नफरत करने लगा है’
इंडिया गधबंधन पर बात करते हुए आचर्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि इसक मकसद बीजेपी को हटाना है. अफोसस की बात ये है कि नरेन्द्र मोदी से विपक्ष इतनी नफरत करता है कि, इससे नफरत करते-करते वो भूल गया है कि वह भारत से नफरत करने लगा है. मोदी नई संसद निर्माण करें तो इसका विरोध, धर्म दंड स्थापित करें तो उसका विरोध, किसी ट्रेन का नाम वंदे भारत रख दें तो उसका विरोध. उनका तर्क था कि मोदी की आलोचना करो, आलोचना होनी चाहिए. लेकिन, प्रधानमंत्री से नफरत नहीं करनी चाहिए. मोदी से नफरत करता विपक्ष इतना कंफ्यूज हो गया है कि वह भारत की सभ्यता और संस्कृति, सबसे नफरत करने लगा है.