रांची (TNP Desk) : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक जब से हुआ है तब से ये एक मुख्य मुद्दा बन गया है. हर कोई इस मुद्दे को उठा रहा है. चाहे नेता हो या अधिकार या समाजसेवी. मेरा भी मानना है कि इस मामले पर आवाज उठनी ही चाहिए. क्योंकि ये छात्रों के भविष्य का सवाल है. लाखों ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने नौकरी पाने के लिए कठिन मेहनत की. ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जिनके पास तैयारी के लिए पैसे नहीं थे, कर्ज लेकर उनलोगों ने तैयारी. परीक्षा की तारीख जब घोषित हुआ तो राज्य के कई ऐसे गरीब गुरबा अभ्यर्थी के पास पैसे नहीं थे ताकि शहर आकर परीक्षा दे सके. इसके बावजूद उनलोगों ने हिम्मत दिखाई और कर्जा लेकर परीक्षा देने केंद्र पर पहुंचे. परीक्षा हॉल में बैठे हुए आधे घंटे भी नहीं हुए पता चला कि पेपर लीक हो गया. इस बार भी करीबन छह लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. इस मामले पर चौतरफा हमला किया जा रहा है. बीजेपी आजसू के बाद अब राज्य के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सरयू राय ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक पर सवाल उठाया है.
एजेंसी के सामने सरकारी तंत्र कमजोर क्यों ?
पूर्व मंत्री सरयू राय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक की जांच एसआईटी करे या ईडी. यह जांच पूर्णता में और परीक्षा एजेंसियों एवं सरकार के बीच संबंध को केंद्र में रखकर करे. आखिर सरकार ने परीक्षाओं के मामले में जेएसएससी को शक्तिहीन और परीक्षा संचालन के लिए चयनित आउटसोर्सिंग एजेंसियों को इतना मजबूत क्यों बना रखा है. बता दें कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद राज्य की जिम्मेवारी चंपाई सोरेन को मिली. जब चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भी जांच का आदेश दे दिया है.
ईडी के पास 539 पेज के वॉट्सएप चैट के सबूत
प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए कोर्ट में हेमंत सोरेन और आर्किटेक्ट विनोद सिंह के बीच 539 पेज के वॉट्सएप चैट होने का दावा किया. इसके कुछ पेज कोर्ट में भी पेश किए. यह चैट ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लेन-देन से संबंधित है. कई गोपनीय सूचनाएं भी हैं. ईडी ने अपने रिमांड पिटीशन में कहा है कि जिस मोबाइल से विनोद सिंह और हेमंत के बीच चैटिंग हुई है, वह मोबाइल पेश करने के लिए कहा था, लेकिन पूर्व सीएम ने वह मोबाइल ईडी को नही दिया.
हेमंत के करीबी विनोद सिंह के पास मिले एडमिट कार्ड
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा है कि हेमंत के करीबी विनोद सिंह के पास जेएसएससी परीक्षा में शामिल होने वाले कई अभ्यर्थियो के एडमिट कार्ड भी मिले हैं. ईडी जेएसएससी पेपर लीक में एडमिट कार्ड के विनोद सिंह के पास से मिलने को काफी गंभीर मान रही है. जांच एजेंसी ने कहा कि विनोद ने डीसी की पोस्टिंग के लिए भी पैरवी की थी.
अधर में झारखंड के युवाओं का भविष्य
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक होने के बाद राज्य के युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है. क्योंकि अब इस मामले की जांच ईडी कर रही है. जब तक जांच पूरी नहीं होती है तब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में युवाओं को सिर्फ इंतजार ही करना पड़ेगा. लेकिन उन्हें अभी से अपनी भविष्य की चिंता सता रही है. बता दें कि झारखंड में जब भी किसी विभाग का वैकेंसी निकलता है और जब इसकी परीक्षा होती है परिणाम आने से पहले ही कांड हो जाता है और बाद में मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है. राज्य में हर वर्ष लाखों अभ्यर्थी नौकरी पाने के लिए फॉर्म भरते हैं लेकिन उसका रिजल्ट आने से पहले ही अदालत में चला जाता है. कुल मिलाकर कहा जाए कि पारदर्शिता नहीं होने की वजह से युवाओं को नौकरी नहीं मिलती है. हर जगह भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है.