टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-चुनाव के नजीदक आने के बाद नेता अपने-अपने तरीके से इसकी तैयारी में मशगूल हो जाते है. सत्ता हासिल करने की खातिर समाज और तरह-तरह के पेशे से जुड़े हर वर्ग से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जानने से गुरेज नहीं करते हैं. इस दौरान तमाम तरह के रंग, चेहरे और वेश-भूषा भी दिख जाता है. दरअसल, सच्चाई भी यही है और यही सियासत भी है. जिसका चाल, चलन औऱ चेहरा वक्त के साथ करवटें बदलता रहता है. यहां सभी का एक मकसद के साथ अपने मिशन में तल्लीन रहकर काम किया करते हैं. ऐसा किसी एक राजनीतिक दल में नहीं होता, बल्कि आमूमन सभी में समय-समय पर इसकी बनागी देखने को मिलते रहती है. देश आवाम भी इसे भलिभांति महसूस करता है.
रेलवे स्टेशन पर कुली बनें राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की औऱ देश को करीब से जाना-समझा . उनकी इस पैदल यात्रा ने काफी सुर्खिया बटोरी और बहुत हद तक उनकी राजनीतिक जमीन को भी मजबूत किया. लगातार केन्द्र की मोदी सरकार की मुखालफत कर रहे राहुल इस बार कुछ अलग अंदाज में दिखाई दिए. कांग्रेस नेता ने दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन में सुबह-सुबह पहुंचकर सभी को चौका दिया . वे वहां काम कर रहे कुलियों से मुलाकात की , उनकी परेशानियों औऱ दर्द से रूबरु हुए और उनकी समस्या पर गहन चर्चा किया. राहुल गांधी ने दुनिया के बोझ धोने वाले कुलियों के साथ खुद कुछ वक्त के लिए कुली बनकर एक संदेश देने की कोशिश की. इस दौरान लाल रंग की वर्दी पहनी, बिल्ला लगाया और मुसाफिर का सामान अपने सर पर लेकर ढोया. उनके इस अवतार पर सभी अंचभित हो गये और उनकी तारीफ भी की.
कुलियों ने बताई समस्या
आनंद बिहार स्टेशन सुबह साढ़े सात बजे राहुल गांधी पहुंच गये थे, उनके यकायक आगमन ने सभी अचंभित कर दिया. इस दरम्यान कुली भी जीआरपी थाने के पास रोजाना की तरह नंबर लगाकर यात्रियों का इंतजार कर रहे थे. सभी को उनके पास बुलाया गया औऱ इसके बाद बातों का सिलसिला शुरु हुआ. बेहद मुश्किल भरी जिंदगी जीने वाले कुलियों ने अपनी परेशानियों में बताया कि कैसे उनके विश्राम गृह की खराब एलईडी ट्यूबलाइट बंद पड़ी हुई. पंख-कूलर का इंतजाम भी उनके द्वारा खुद किया गया है. छोटा सा विश्राम गृह, कैसे 165 कुलियों के लिए आराम फरमाने के लिए नाकाफी है. हालांकि, इस शिकायत के बाद तुरंत रेलवे ने ट्यूबलाइट बदलवा दिया. जिससे कुलियों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. कुलियों ने ये भी शिकायत की उनकी जिंदगी तो प्लेटफॉर्म पर ही गुजर रही है. एक उम्र के बाद उनकी कमाई का जरिया नहीं होगा. लिहाजा, उनके पेंशन का इंतजाम किया जाए. रेल यात्रा के लिए मुफ्त पास की संख्या बढ़ाने की भी गुजारिश की गई.
राहुल गांधी ने सभी की बात सुना-जाना और समझा. वे कुलियों के विश्राम गृह भी गये. वहां की हालत का जायजा लिया, उन्होंने कुलियों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया, औऱ फिर 8.45 बजे निकल गये.