रांची(RANCHI): विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों के दिन फिरने के आसार है, राज्य के मुख्य सचिव के आदेश के बाद अब वित्त विभाग ने सभी विभागों से उनके यहां कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों का पूरा ब्योरा मांगा है. जिसके बाद इन्हे समायोजित या सेवा को स्थायी किये जाने के संदर्भ में निर्णय लिया जायेगा. हालांकि इसके पहले यह भी देखा जाना है कि उस विभाग में उक्त कर्मी का लम्बे समय तक आवश्यक्ता है या नहीं. और उसकी नियुक्ति के पहले विभाग की स्वीकृति ली गयी है या नहीं.
ध्यान रहे कि झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में इन आउटसोर्सिंग कर्मियों के पक्ष में एक अंतरिम आदेश पारित किया था, अब सरकार को उसी मामले में अपना निर्णय लेना है, हालांकि हेमंत सरकार ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में बाह्र सेवा के माध्यम से कार्यरत कर्मियों की सेवा को स्थायी करने का वादा किया था. लेकिन सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के बावजूद अभी तक उस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इस आदेश को हेमंत सरकार के उस चुनावी वादे से भी जोड़ कर देखा जा सकता है.
माना जाता है कि वित्त विभाग के इस आदेश के बाद विभिन्न विभागों में कार्यरत कप्यूटर ऑपरेटर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, आदेश पाल, चालक, सफाईकर्मी, प्रोग्रामर अमीन, ड्राईवर के हक में उनकी सेवा को स्थायी किये जाने का निर्णय लिया जा सकता है.
वित्त विभाग ने अपने आदेश में इन कर्मियों का पूरा विवरण एक प्रॉपर फॉर्मेट में मांगा है. जिसमें इन कर्मियों की एक एक विवरणी दर्ज रहेगी. लम्बे समय से इन कर्मियों की शिकायत रही है कि अपने समकक्ष स्थायी कर्मियों के समान सेवा देने के बावजूद भी इन्हे आर्थिक रुप से शोषण का शिकार होना पड़ता है, साथ ही हर दिन उन पर सेवा से निकाले जाने की तलवार लटकी रहती है. माना जाता है कि सरकार के इस फैसले के बाद इन्हे एक बेहतर वेतनमान दिया जायेगा