☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Trending

Mahalaya 2025: महालया के साथ मां भगवती का आज आगमन, जानिए क्या है महालया का इतिहास

Mahalaya 2025: महालया के साथ मां भगवती का आज आगमन, जानिए क्या है महालया का इतिहास

टीएनपी डेस्क(TNP DESK) : महालया का महत्व बंगाली समुदाय में कुछ खास है. मां दुर्गा में आस्था रखने वाले लोग इस दिन का इंतजार करते हैं और महालया के साथ ही दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है.पंचांग के अनुसार पितृपक्ष का समापन महालया अमावस्या पर माना जाता है.पितृपक्ष महत्वपूर्ण दिन माने जाते हैं और बताया जाता है कि इन दिनों में पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है.  पितृपक्ष पूरे 15 दिनों का होता है इसके आखिरी दिन पर अमावस्या पड़ती है.इसी अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं. अन्य शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष इसी दिन मां दुर्गा धरती पर आती हैं. महालया से ही पश्चिम बंगाल में 10 दिवसीय वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव का आरंभ हो जाता है. सर्व पितृ अमावस्या  इस वर्ष  आज यानी 21सितंबर 2025 को मनाया जा रहा है. महालया अमावस्या पर लोग पवित्र नदी में स्नान करके अपने पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर उनकी विदाई का काम करते हैं पितृपक्ष और महालय अमावस्या पितरों को याद करने का दिन माना जाता है.

पितरों का किया जाता है तर्पण

महालया के दौरान परिवार के बुजुर्ग सदस्य तर्पण का आयोजन करके अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते है. महालया के दिन पितरों को अंतिम विदाई दी जाती है. पितरों को दूध, तील, कुशा, पुष्प और गंध मिश्रित जल से तृप्त किया जाता है. इस दिन पितरों की पसंद का भोजन बनाया जाता है और विभिन्न स्थानों पर प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. इसके अलावा इसका पहला हिस्सा गाय को, दूसरा देवताओं को, तीसरा हिस्सा कौवे को, चौथा हिस्सा कुत्ते को और पांचवा हिस्सा चीटियों को दिया जाता है.

पूजा केंद्रों पर तैयारी पूरी

शारदीय नवरात्रि को लेकर पूजा केंद्रों पर तैयारी पूरी कर ली गई है. शक्तिपाठ चंडिका स्थान पर बड़ी दुर्गा और अन्य पूजा केंद्रों पर मूर्तिकार प्रतिमा पर जोरशोर से लगे हुए है.रांची के विभिन्न पूजा पंडालो पर तमाम तैयारी और पंडालों को अंतिम रूप दी जा रही है.

बाजारों में रौनक

दुर्गा पूजा को लेकर बाजारों में रौनक लौट आई है.पूजा को लेकर पूजा सामग्री और कपड़ो की खरीदारी शुरू हो गई है.कपड़ो के दुकानों में भीड़ देखने को मिल रही है और खासतौर पर बच्चों में उत्साह देखने को मिल रहा है. हम बता दें कि राजधानी रांची के सभी दुकानों में लोगों की चहलकदमी देखने को मिल रही है.दरअसल दुर्गा पूजा को लेकर लोगों की खरीदारी शुरू हो गई है और यही वजह है कि रांची के सभी दुकानों में भीड़ भाड़ देखने को मिल रहा है. साथ ही साथ सड़कों पर भी लोग नजर आ रहे हैं

22 सितंबर को कलश स्थापना

ज्योतिषो के अनुसार 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहा है और इसको लेकर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त  प्रात: 06 बजे से प्रात: 08 बजे तक, प्रात: 08:30 से 10:00 बजे तक है. 

महालया का आखिर इतिहास है क्या?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा विष्णु और महेश ने अत्याचारी राक्षस महिषासुर के संहार के लिए मां दुर्गा का सृजन किया. बता दे कि महिषासुर को वरदान मिला हुआ था कि कोई देवता या मनुष्य उसका वध नहीं कर पाएगा.ऐसा वरदान पाकर महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया और उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया और इस युद्ध में देवता हार गए और देवलोकर पर महिषासुर का राज हो गया. महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदिशक्ति की आराधना की. इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्या रोशनी निकली जिसे देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया.शास्त्रों से सुसज्जित मां दुर्गा ने महिषासुर से 9 दिनों तक भीषण युद्ध करने के बाद 10वे दिन उसका वध कर दिया. दरअसल महालया मां दुर्गा की धरती पर आगमन का प्रतीक है.मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है और इसको लेकर हर साल दुर्गा पूजा के दिन सभी भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं.कहा जाता है इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी. झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे प्रदेश में पूजा का माहौल बन गया है.बाजार में भीड़ है.लोगों में उत्साह है.

Published at:21 Sep 2025 05:29 AM (IST)
Tags:Mahalaya 2025mahalaya 2025 zee bangla mahalaya 2025 star jalsha mahalaya 2025 2025 mahalaya mahalaya 2025 date mahalaya 2025 live mahalaya in 2025 mahalaya 2025 promo shubho mahalaya 2025 mahalaya kobe 2025 mahalaya date 2025 mahalaya vidhi 2025 mahalaya video 2025 mahalaya amavasya 2025 mahalaya 2025 date time mahalaya 2025 new promo dd bangla mahalaya 2025 mahalaya kab hai 2025 mahalaya status 2025 2025 mahalaya status sun bangla mahalaya 2025 durga puja mahalaya 2025 mahalaya zee bangla 2025 mahalay 2025
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.