टीएनपी डेस्क(TNP DESK): यह भारतीय प्रजातंत्र की खूबसूरती है कि यहां चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री बन जाते हैं. नरेंद्र मोदी इसके उदाहरण हैं. वे खुद मंच से यह कहते नहीं थकते कि उनका बचपन रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में गुजरा है. कहने का मतलब यह है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर इंसान को अपना काम समर्पित होकर करनी चाहिए.
लेकिन भारतीय राजनीति में इन दिनों चाय पिलाने का मतलब राजनीतिक सफलता की गारंटी माना जाने लगा है. तभी तो भाजपा नेता से लेकर कार्यकर्ता और विपक्षी पार्टी के नेता भी लोगों को अपने हाथों से चाय पिलाते नजर आ रहे हैं. कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चाय पिलाते वीडियो वायरल होकर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी थी. वहीं गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी देवघर के चौराहे पर अपने हाथों से चाय बनाकर लोगों को पिलाते नजर आए थे. इसी कड़ी में ताजा नाम दुमका लोक सभा से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन का जुड़ा है.
कहते हैं तस्वीरें झूठ नहीं बोलती. जरा इस तस्वीर को गौर से देखिए. तस्वीर दुमका जिला के जामा चौक की है. मंगलवार शाम की यह तस्वीर बताया जा रहा है. तस्वीर में आप देख सकते हैं कि हाथों में चाय की केतली औऱ कुल्हड़ लेकर लोगों को चाय देती सीता सोरेन है. तस्वीर में कुछ भाजपा नेता नजर आ रहे हैं तो कुछ आम जनता. सीता सोरेन का जामा से पुराना नाता रहा है. सीता लगातार 3 टर्म से जामा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती आ रही है. झामुमो के टिकट पर विधायक बनी अब भाजपा के टिकट पर दुमका लोक सभा से मैदान में है. इस तस्वीर के वायरल होते ही चौक चौराहे पर तरह तरह की चर्चा हो रही है.
प्रजातंत्र में जनता को जनार्दन माना जाता है. चुनाव के वक्त नेता जी को यह बात समझ में आती है. जनता जिसे चाहे सड़क से उठाकर सदन तक पहुचा दे और अगर ना चाहे तो महलों से सड़क पर ला देती है. वैसे तो दुमका में अंतिम चरण में यानी 1 जून को मतदान है. तब तक ना जाने प्रजातंत्र के कितने रूप रंग की तस्वीरें आपका मनोरंजन करेगी. लेकिन हकीकत यही है कि यह पब्लिक है सब जानती है.
रिपोर्ट: पंचम झा