TNP DESK- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. एक बार फिर एसआईआर को लेकर उनका बयान चर्चा में है.इस मामले में वह घिरते दिख रहे हैं .हालांकि अपने कथन से किनारा करते हुए उन्होंने सफाई दी है और कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर बीजेपी वालों ने पेश किया है.
इधर पता चला है कि डॉक्टर इरफान अंसारी के बीएलओ को बांधकर रखने के बयान ने तूल पकड़ लिया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जामताड़ा के डीसी से रिपोर्ट मांगी है. डीसी को मंत्री के बयान की स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है. रविवार को स्वास्थ्य मंत्री ने जामताड़ा में एस आई आर पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वर्तमान समय में कई राज्यों में एसआईआर चल रहा है. एसआईआर के बहाने भाजपा के लोग पहले आपका वोटर लिस्ट से नाम काटेंगे, फिर आधार कार्ड और राशन कार्ड से भी.
कुल मिलाकर आपकी नागरिकता खत्म करने की साजिश चल रही है .अगर बीएलओ आपके घर आए तो उन्हें बंधक बनाकर रखें. यह कार्यक्रम नारायणपुर प्रखंड में चल रहा था, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ने यह बयान दिया था.
हालांकि मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई भी दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि मीडिया ने मेरी बातों को गलत संदर्भ में पेश किया है. मैं केवल इतना कहा था कि कुछ फर्जी लोग नकली बीएलओ बनकर गरीबों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मंत्री का कहना है कि भाजपा उनको बदनाम करने का मौका ढूंढते रहती है. उन्होंने अपना बयान नकली बीएलओ के संदर्भ में दिया था. जिसे कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के मकसद से उसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.
डॉ इरफान अंसारी को बर्खास्त करने की मांग
इस बयान के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तत्काल स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि देश का संविधान चुनाव आयोग को मतदाता सूची की शुद्धता और सटीकता बनाए रखना का पूर्ण अधिकार देता है. लेकिन विडंबना यह है कि संविधान बचाने का ढोल पीटने वाले राहुल गांधी के करीबी और झारखंड सरकार के कांग्रेसी मंत्री इरफान अंसारी ही संवैधानिक प्रक्रिया में बाधक बन रहे हैं.
सार्वजनिक मंच से बीएलओ को घर में बंद करने और बंधक बनाने जैसी धमकी दे रहे हैं. जब किसी मंत्री के शब्द ही कानून व्यवस्था और चुनावी कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दें, तो उसके पास पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता. उन्होंने चुनाव आयोग से भी इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे देशद्रोह वाला बताया है. साथ ही मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए.
