पटना(PATNA): जदयू एमएलसी और बिहार राज पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राधाचरण साह उर्फ सेठ जी और उनके सहयोगी अशोक प्रसाद (ब्राडसन के एमडी) के घर पर आज तीसरे दिन भी IT की छापेमारी जारी है. सूत्रों का दावा है कि राधाचरण साह के फार्म हाउस से 70 लाख और अशोक प्रसाद के आवास के 35 लाख रुपये और देश भर में फैले चल अचल-संपत्तियों का ब्योरा मिला है. हालांकि आईटी की टीम की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. लेकिन हरिद्वार, नोयडा और दिल्ली सहित आरा में बाबू बाजार, रीगल होटल में इनके 22 ठिकानों पर छापेमारी की खबर है. यहां बता दें कि राधाचरण सेठ जदयू के पहले आरजेडी से भी एमएलसी रह चुक हैं.
विपक्ष का दावा 2024 के पहले विपक्ष को बदनाम करने की साजिश
वहीं सत्तारुढ़ गठबंधन जदयू और राजद की ओर से इस बदले की कार्रवाई बतायी जा रही है, उनका दावा है कि यह विपक्ष को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश है, इसके पहले ही राजद एमएलसी सुनिल सिंह के आवास पर छापेमारी की गयी थी, और तो और जब बिहार में एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार के द्वारा राजद महागठबंधन के साथ सरकार बनायी गयी थी, तब एक तरफ सरकार का शपथ ग्रहण चल रहा था, तो दूसरी ओर राजद के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही थी, राबड़ी आवास पर भी छापेमारी की गयी थी.
भाजपा से जुड़ें राजनेताओं पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
विपक्ष का दावा है कि यह भाजपा का हथकंडा है, विरोधियों को बदनाम करने का महज एक हथकंडा है, नहीं तो एक भी उदाहरण बतलाया जाय कि आईटी की टीम के द्वारा किसी भाजपा और उससे जुड़ें सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की गयी हो, विपक्ष यह भी कह रहा है कि जब सुनिल सिंह के आवास पर भी छापेमारी की गयी थी तब भी बड़े बड़े दावे किये गये थें, लेकिन बाद में कुछ साबित नहीं हो सका, ना ही उनके पास से कुछ बड़ी रकम मिली, हां, नोटों को गिनने के मशीन जरुर मंगवाई गयी थी. इन चीजों से कुछ हासिल नहीं होने वाला, यह मात्र 2024 के पहले विपक्ष को कमजोर करने की नियत से गई राजनीतिक साजिश है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार