रांची(RANCHI): झारखंड की धरती हमेशा क्रांति और वीरों के नाम से जानी जाती है. झारखंड से कई आदिवासी समाज के अगुआ निकले. जिन्होंने आजादी की लड़ाई से लेकर जुल्म और अत्याचार के खिलाफ खुल कर आवाज बुलंद किया. यही वजह है कि अब झारखंड निर्माता दिशोम स्व गुरु शिबू सोरेन के बेटे और सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन में आदिवासी समाज के लोग अपना नेतृत्व देख रहे है. हेमंत की बेबाकी और हाल में उनका प्रभाव राजनीति में जिस तरह से बढ़ा इसका मैसेज पूरे देश में गया. अब यही वजह है कि झारखंड की धरती से निकल कर देश स्तर पर आदिवासी समाज के नेतृत्व करने की तैयारी में हेमंत सोरेन है.
दरअसल दो दिन पहले मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में देशभर के आदिवासी समाज के लोगों का जमावड़ा दिखा. एक छोटे से कार्यक्रम में देश के हर कोने से आदिवासी समाज को हेड करने वाले लोग पहुंचे. जहां सभी की मुलाकात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हुई. इस मुलाकात में सभी के साथ एक चर्चा हुई. आखिर आदिवासी समाज का मजबूती से आवाज राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने पर जोर दिया गया. जिसमें सभी ने माना की उनकी आवाज कोई नहीं सुनता है.
ऐसे में अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक बड़ी आदिवासी रैली झारखंड में होगी. जहां से यह तय किया जाएगा की अब देश भर के आदिवासी समाज की आवाज बन कर हेमंत सोरेन राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाएंगे. इसका संदेश साफ है कि ना सिर्फ हेमंत सोरेन बल्कि पूरी पार्टी अब देश स्तर पर खुद को मजबूत करेगी. जिससे आदिवासी समाज के हक और अधिकार को बुलंद कर सके. उनकी मांग को मजबूती से हर जगह पहुंचाया जा सके.
ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर हेमंत सोरेन ही क्यों इसका जवाब भी आपको उनके पिछले 6 साल के कार्यकाल और गुरुजी के संघर्ष में दिख जाएगा. झारखंड के कई इलाकों में पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत हुई. इसमें हिंसा के रास्ते समाज उतर गया. और उस समय की तत्कालीन सरकार भाजपा की थी. भाजपा में भी कई आदिवासी नेता थे लेकिन किसी ने इस आंदोलन में बीच का रास्ता निकालने पर कोई पहल नहीं की. आखिर में हजारों आदिवासी पर केस हुआ सैकड़ों जेल गए.
लेकिन जब हेमंत सोरेन सत्ता में आए तो सबसे पहले आदिवासियों पर किए केस को रद्द कर दिया. जिससे सभी बाहर निकले और अपनी ज़िंदगी को दोबारा से शुरू किया. इसके बाद हेमंत सोरेन ने उनकी बातों को आराम से सुना.जिससे उनकी परेशानी को जान सके. इसके बाद अगर देखें तो आदिवासियों को वन पट्टा दिया गया. कई योजना की शुरुआत की गई जिसका सीधा फायदा आदिवासी समाज को पहुंचा. यही सब वजह है कि हेमंत सोरेन अन्य नेताओं से अलग है और अब देश के हर कोने में रहने वाला आदिवासी हेमंत को अपना नेता मान रहे है. और उनके में ही आदिवासी समाज अपना भविष्य देख रहा है.
इस पूरे मामले में झामुमो के वरिष्ट नेता और मंत्री सुदिव्य सोनू ने मीडिया में दिया बयान में बताया कि हेमंत सोरेन सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के हक और अधिकारों को पूरा कराएंगे. अब आदिवस हेमंत सोरेन को अपने नेतृत्वकर्ता के रूप में देख रहे है.उन्हे अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में झामुमो काम करेगा.
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