टीएनपी डेस्क(TNP DESK ) कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर चुनाव कराए जाने की घोषणा कर दी गई है.भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को इसकी घोषणा कर दी. 10 मई को इसके लिए मतदान होंगे. 13 मई को इसका परिणाम आ जाएगा.
चली यह तो हुई सामान्य सी बातें जो आप संभवत जानते होंगे. यह भी जान लीजिए कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ दल भाजपा के लिए चुनौती भरा होने जा रहा है. देश में फिलहाल जो माहौल बना है. कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने से काफी गुस्से में है. पूरे देश भर में आंदोलन हो रहा है तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. कांग्रेसियों का आरोप है कि राहुल गांधी ने अडाणी को कथित रूप से लाभ पहुंचाए जाने के मोदी सरकार के प्रयास का खुलासा किया है और उस संबंध में सवाल पूछा गया. इसी की सजा राहुल गांधी को दी जा रही है.
जबकि भाजपा का आरोप है कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी अपने को कानून से ऊपर मानते हैं.वह कानून का सम्मान नहीं करते. जबकि देश में सभी के लिए एक कानून है.कानून को हल्के में लेने के कारण कोर्ट ने उन्हें सजा दी है. पीएम मोदी का भी आरोप है कि सभी भ्रष्टाचारी एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं.अब हम आते हैं कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मैदान में. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही यहां पर राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है. वैसे पिछले एक माह से कर्नाटक में चुनावी हवा बहनी शुरू हो गई थी.
ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि कर्नाटक विधानसभा के प्रस्तावित चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा को तगड़ा झटका लग सकता है. सी वोटर की सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को इस विधानसभा चुनाव में नुकसान हो रहा है. कांग्रेस को इसमें बड़ा फायदा दिख रहा है. इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुछ बड़ा उलटफेर संभावित है.
इस मुद्दे पर भाजपा नेता का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार के अच्छे कामों से जनता खुश है. इसलिए कर्नाटक में उनकी सत्ता और मजबूती के साथ आएगी. उधर कांग्रेस का कहना है कि जिस प्रकार से देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहे हैं. जनता उसे समझ रही है और इसका माकूल जवाब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में देगी.
उल्लेखनीय है कि 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा इस संबंध में 13 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.13 मई को मतगणना होगी. मालूम हो कि 2018 में विधानसभा के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन आरंभ में वह सरकार नहीं बना पाई थी.कांग्रेस और जेडीएस ने सत्ता पर कब्जा जमाया लेकिन अंदरूनी बगावत की वजह से सरकार गिर गई और भाजपा का भाग्य खुल गया. तब से कर्नाटक में भाजपा की ही सरकार है. वैसे आपको बता दें कि हम भाजपा में इस राज्य के अंदर अंदरूनी कलह भी कम नहीं है. और यह भी सच है कि कांग्रेस के भी बहुत अच्छे जनाधार नहीं है. पर ऐसा लगता है कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में सत्तारूढ़ दल को नुकसान हो जाए.