रांची (TNP Desk) : झारखंड में 2024 लोकसभा चुनाव का मुकाबला बेहद ही रोमांचक होने वाले होने वाला है. चुनाव की तारिख जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सियासी बयान भी आने लगे हैं. ऐसा लगता है कि आने वाले चुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. क्योंकि सियासी जंग में कोई रिश्ते-नाते अहमियत नहीं रखता है. यहां सिर्फ जीत और हार की बात होती है. चाहे परिवार ही क्यों न टूट जाए. हम बात कर रहें हैं दिशोम गुरु शिबू सोरेन के परिवार की. अभी हाल ही में सोरेन परिवार में दो फाड़ हो गया. झारखंड के सियासी जंग के बीच बीजेपी ने बड़ी सेंध लगाकर सोरेन परिवार को दो टुकड़ों में बांट दिया. शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा और परिवार से नाता तोड़ भाजपा में शामिल हो गईं. भाजपा में जाने के बाद पार्टी ने सुनील सोरेन का पत्ता काटकर सीता सोरेन को उम्मीदवार बना दिया. जबकि इससे पहले बीजेपी ने सुनील सोरेन के नाम का एलान किया था. लेकिन जब वो बीजेपी ज्वाइन की तो दुमका सीट उन्हें दे दिया गया. बता दें कि जबसे सीता सोरेन भाजपा में शामिल हुई हैं तब से लगातार सोरेन परिवार खासकर हेमंत सोरेन पर हमला कर रहीं है. वहीं जेल में बंद हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी मोर्चा संभाल ली है.
जेठानी के खिलाफ देवरानी ने संभाला मोर्चा
कल्पना सोरेन खुलकर जेठानी सीता सोरेन के खिलाफ अभी कुछ नहीं बोल रही हैं, लेकिन इशारों-इशारों में खूब घेरते हुए नजर आ रहीं हैं. जबकि सीता सोरेन उनके खिलाफ हमलावर हो गई हैं. दिल्ली से रांची लौटने के बाद दुमका से बीजेपी प्रत्याशी एक मंझे हुए राजनेता की तरह तेवर दिखाना शुरू कर दी हैं. दुमका में सीता ने खुद को शिबू सोरेन के वारिस के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया. इसमें कामयाबी नहीं मिली तो पहले पार्टी, फिर परिवार में अनदेखी करने का मामला उठाती रही हैं. अब पति दुर्गा सोरेन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच का मामला उठाते हुए उन्होंने सोरेन परिवार और झामुमो की परेशानी बढ़ा दिया है.
दो भाभियों की लड़ाई में ननद अंजलि की एंट्री
अब दो भाभियों की लड़ाई में ननद भी कूद पड़ी हैं. सीता सोरेन के बयान पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बेटी अंजलि सोरेन ने पलटवार किया है. झामुमो की ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष अंजलि सोरेन ने भाभी सीता सोरेन द्वारा अपने पति दुर्गा सोरेन के मौत मामले की जांच कराए जाने की मांग पर कहा कि अगर वह ऐसा चाहती हैं, तो जांच कराएं. यह उनकी मर्जी है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बेटी ने दावा किया है इस बार के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के पांचों सीटों पर जीत दर्ज करेगी. क्योंकि जनता हमारे साथ है. दुमका पारिवारिक सीट का मुद्दा नहीं बनेगा. उनके परिवार की बहू सीता सोरेन के पार्टी और परिवार को छोड़कर भाजपा में जाने से लोकसभा चुनाव में झामुमो पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
दुमका में होगा दिलचस्प सियासी मुकाबला
बता दें कि झामुमो के नेता व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित जमीन घोटाले के मामले में जेल बंद हैं. उनके जेल में जाने के बाद परिवार में बिखराव हो गया है. उनकी बड़ी भाभी परिवार और पार्टी से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गई है. वहीं झामुमो में भी नेतृत्व का टोटा पड़ गया है. क्योंकि जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की सेहत ऐसी नहीं है कि वे चुनाव में पार्टी का कमान संभाल सके. ऐसे में इस संकट से निपटने के लिए छोटी बहू पार्टी और परिवार को देख रहीं हैं. वैसे भी संथाल झामुमो का गढ़ है और सोरेन परिवार की अच्छी पकड़ है. इस सीट से शिबू सोरेन चुनाव जीतते रहे हैं. हालांकि 2019 के चुनाव में वे हार गए थे. अब इस सीट पर उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन को बीजेपी ने टिकट दिया है और भाजपा का चेहरा बन परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. वहीं कल्पना सोरेन झामुमो के लिए के वोट मांगेगी. देखना होगा कि इस चुनाव में दो बहूओं की सियासी लड़ाई में किसे जीत मिलती है और किसे हार. लेकिन जो भी हो आने वाला चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होगा.