टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट सामने आने के बाद शेयर बाजार (Stock Market) में भी बवाल मचा हुआ है. सोमवार को शेयर बाजार खुलते ही एक ही झटके में अडानी ग्रुप (Adani Group) के लगभग 1.28 लाख करोड़ रुपए डूब गए. अगर बात की जाए अडानी की शेयरों की तो ज्यादातर शेयरों में 4 से 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जिसके वजह से ग्रुप का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया है. शेयरों में आयी गिरावट के बाद यहां जिक्र करना अहम हो जा रहा कि आखिर किन शेयरों में कितनी गिरावट आयी है. आइए इस पर एक नजर डालते है-
अडानी स्टॉक में 7% की गिरावट
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई क्योंकि यह 7% गिरकर बीएसई पर 1,656 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गया, हालांकि बाद में इसने कुछ नुकसान की भरपाई कर ली. अडानी टोटल गैस के शेयरों में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अदानी पावर के शेयरों में 4 प्रतिशत की गिरावट आई. अदानी विल्मर, अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अदानी एंटरप्राइजेज लगभग 3% नीचे कारोबार कर रहे थे. निफ्टी स्टॉक अदानी पोर्ट्स के शेयरों में लगभग 2% की गिरावट आई और ब्लू चिप इंडेक्स पर समूह की प्रमुख इकाई अदानी एंटरप्राइजेज के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा नुकसान था.
10 अगस्त को आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
गौरतलब है कि शनिवार (10 अगस्त) को करीब 1.5 साल बाद अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग (American shortseller Hindenburg) ने अडानी ग्रुप पर एक और रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि सेबी (SEBI) प्रमुख माधबी बुच (Madhabi Buch) के पति धवल बुच (Dhawal Butch) की अडानी ग्रुप (Adani Group) में हिस्सेदारी है. हालांकि, इस रिपोर्ट में सीधे तौर पर अडानी ग्रुप (Adani Group) पर कोई नया आरोप नहीं लगाया गया है. मामला सामने आने के बाद सेबी प्रमुख (SEBI chief) ने भी अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी शॉर्टसेलर (American shortseller) कारण बताओ नोटिस के कारण परेशान है, जिसके कारण वह इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रहा है. वहीं, इस मामले पर राजनीति (Politics) भी शुरू हो गई है. विपक्षी नेता सेबी प्रमुख माधबी बुच के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा वे हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) पर जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं.
जानें हिंडनबर्ग ने क्या लगाए हैं आरोप?
हिंडनबर्ग (Hindenburg) का आरोप है कि माधबी के सेबी प्रमुख बनने से 5 साल पहले यानी 22 मार्च 2017 को उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस के फंड एडमिनिस्ट्रेटर ट्राइडेंट ट्रस्ट को ईमेल भेजकर बताया था कि उनका और उनकी पत्नी का ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटी (Global Dynamic Opportunity) में निवेश है. धवल ने अनुरोध किया था कि उन्हें अकेले इस फंड को संचालित करने की अनुमति दी जाए. साफ है कि सेबी में अहम पद पर नियुक्त होने से पहले धवल अपनी पत्नी का नाम इससे हटाना चाहते थे. हिंडनबर्ग (Hindenburg) का कहना है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) पर किए गए खुलासों के सबूत हमारे पास हैं और 40 से ज्यादा स्वतंत्र मीडिया जांच में भी यही बात सामने आई है. लेकिन सेबी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इन आरोपों की जांच की जिम्मेदारी भी सेबी प्रमुख के हाथ में थी. इसके उलट सेबी ने हमें 27 जून 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. यह नोटिस हमें अडानी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन लेने के कारण दिया गया.
जानें अडानी ग्रुप ने अपनी सफाई में क्या कहा?
अडानी ग्रुप (Adani Group) ने हिंडनबर्ग (Hindenburg ) की ताजा रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. साथ ही कहा है कि नए आरोप बदले की भावना से लगाए गए हैं. कहा कि, हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं. हमारी ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर (Overseas Holding Structure) पूरी तरह से पारदर्शी (Transparent) है. इसमें सभी तथ्य (Fact) और विवरण (Description) नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों (Public documents) में प्रदर्शित किए जाते हैं. अडानी ग्रुप (Adani Group) ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम बताए गए हैं, उनसे हमारा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है. यह जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश है. अडानी ग्रुप ने कहा है कि पहले लगाए गए इन सभी आरोपों की गहन जांच की गई है और ये पूरी तरह से निराधार साबित हुए हैं. इन्हें सुप्रीम कोर्ट जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर चुका है. ग्रुप ने इन आरोपों को तथ्यों और कानून की अवहेलना बताया है.
सेबी प्रमुख ने क्या तर्क दिए?
वहीं बुच दंपत्ति (Butch Couple ) ने आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि सेबी (SEBI) की विश्वसनीयता पर हमला करने तथा अध्यक्ष के चरित्र को बदनाम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. हिंडनबर्ग (Hindenburg) जिस विदेशी फंड (Foreign Funds) में निवेश करने का आरोप लगा रहे हैं, वह वर्ष 2015 में किया गया था. सेबी प्रमुख (SEBI chief) का कहना है कि हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने भारत में कई नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके लिए उसे नोटिस भेजा गया है. जवाब देने के बजाय उसने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने का प्रयास किया है. फंड में निवेश तब किया गया था, जब हम निजी नागरिक थे. हम उस समय के अपने दस्तावेज किसी भी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं. सभी खुलासे वर्षों पहले सेबी को दिए जा चुके हैं. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज (Financial Documents) का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.