रांची(RANCHI): जंगलों को बचाने की मुहिम आगे बढ़ाते हुए Save Betla Save Palamu मुहिम को युवा नेता सूर्या सिंह ने धार देने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म जारी किया है. इस फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे बेतला जो देश के सबसे बड़े TIGER रिज़र्व में शामिल था. लेकिन अब वहां बाघ ना के बराबर बचे हैं. इसके अलावा इस जंगल में और कौन-कौन से जानवर मिलते हैं, उसे दिखाया गया है. इस डॉक्यूमेंट्री में जंगल के बारे में एक-एक बारीकी को बताया गया है. डॉक्यूमेंट्री का नाम बेतला का जादू है.
पलामू में 50 से अधिक बाघ थे, वह कहां गए?
इसे डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म को रिलीज करते हुए सूर्या सिंह ने कहा कि आज के दिनों में जंगल बचाना बेहद जरूरी है. पेड़ काट दिए जा रहे हैं. आखिर पर्यावरण कैसे बचेगा? पुराने पेड़ को हम विकास के नाम पर काट कर नया पेड़ लगा रहे हैं. क्या पुराने पेड़ जैसे नया पेड़ बन पायेगा? उन्होंने कहा कि दूसरे किसी टाइगर रिज़र्व में बाघ गायब होते हैं तो देश में बवाल मच जाता है. लेकिन कभी पलामू में 50 से अधिक बाघ थे, वह कहां गए? इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है.
जंगल से रेलवे लाइन को हटाया जाए
बीच जंगल से रेलवे लाइन बाहर करने को सूर्या ने रेल मंत्री को पत्र लिख कर आग्रह किया है. सूर्या का कहना है कि इस जंगल के बीच से हर दिन 100 से अधिक ट्रेन गुजरती है. इसमें कई जंगली जानवर ट्रेन की चपेट में आकर खत्म हो जाते हैं. जितना रेलवे लाइन जरूरी है. उतना ही जंगल भी. ब्रिटिश हुकूमत ने इस जंगल में ट्रैक बिछाया था, जिसके बाद जंगल दो हिस्सों में बंट गया. उन्होंने भारत सरकार के आग्रह किया है कि इस जंगल को बचाने के लिए इसे दूसरे एरिया से निकाला जाए. सूर्या ने कहा कि अब भी हम जंगल को बचाने के लिए नहीं जागे तो बर्बादी से कोई नहीं बचा सकता है.
पलामू बदहाली की ओर अग्रसर
सूर्या ने कहा कि जिस पलामू में कभी देश ही नहीं विदेश से भी सैलानियों का जत्था आता था, उस पलामू में टाइगर रिज़र्व हो या पलामू किला या नेतरहाट सभी स्थल बदहाली की ओर बढ़ रहा है. इस बदहाली को दूर किया जाए ताकि यहां के लोगों को रोजगार भी मिल सके.
वहीं फ़िल्म मेकर कपिल शर्मा ने कहा कि इस शार्ट फ़िल्म में पलामू की हकीकत दिखाई गई है. इस फ़िल्म को बनाने के लिए सूर्या ने जो साथ दिया है और उन्हें इस फ़िल्म बनाने का दायित्व सौंपा है, इसके लिए वह हमेशा आभारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि आज के दिनों में सब लोग अपने बारे में सोचते हैं, लेकिन सूर्या ने देश के लोगों के लिए सोचा.
रिपोर्ट: समीर हुसैन