टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-राजधानी रांची के बिरसा मुंडा कारा हर दिन खबरों में इन दिनों रह रहा है. अफसर से लेकर माफिया और दलालों की रात यहां कट रही है. जमीन, खनन, शराब घोटाले के आरोपियों का ठिकाना अभी यही है. जेल में रहने के बाद भी इनकी हिमाकत और हरकतों के चलते तो खबरों का बाजार भी गर्म रहता है. हाल ही में ईडी की छापेमारी के बाद ऐसी साजिश का खुलासा हुआ कि सभी के होश उड़ गये . ईडी अफसरों को तो अपनी जान की फिक्र सताने लगी और केन्द्र से सुरक्षा की गुहार लगायी. ईडी को कई सबूत हाथ लगे, जिसके चलते खुद पर खतरे का भान उन्हें होने लगा था.
जेल अधीक्षक,जेलर और हेड क्लर्क पर आरोप
रांची जेल में बंद सत्ता के दलालों, अफसरो, दबंगों औऱ माफियाओं को सुविधाए देने और ख्याल रखने के आरोप लगते रहे हैं. सत्ता का दलाल प्रेम प्रकाश का दरबार भी जेल में ही सजता था. इसकी भी बात समय-समय पर सुनाई देती रही है. यहां सवाल था कि आखिर इन्हें इतनी मदद कौन पहुंचता था , कौन इनका खैवनहार बना था और कौन इनकी खिदमत में कमी नहीं करता था. ईडी ने बिरसा मुंडा कारा में छापेमारी की थी. इस दौरान कई पुख्ता प्रमाण हाथ लगे थे कि इनकी मदद की जा रही है , जिसमें जांच में ये बात सामने आई की इनकी मदद रांची जेल के अधीक्षक और जैलर कैदियों को जेल के भीतर मदद पहुंचाने के एवज में अवैध तरीके से पैसे की वसूली करते थे. ईडी को दोनों के बैंक खातों में अलग-अलग स्रोतों से पैसे आने के सबूत मिले हैं, जो रिश्वत को हे सकते हैं.
आय से अधिक संपत्ति का ममला
जेल के भीतर मदद के नाम पर पैसे उगाही के आरोप रांची के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान के सर पर तो है ही. इसके साथ ही हेड क्लर्क दानिश रिजवान पर तोहमत चिपकी हुई है. ईडी ने तो इस सिलसिले में तीनों से पूछताछ कर चुकी है , ऐसी बात अंदरखाने से सामने आ रही है कि दोनों के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट भी फाइल की जाने वाली है. खबर तो यहां तक सूत्रों के हवाले से बोली जा रही है कि जेलर औऱ जेल अधीक्षक साहब की जल्द ही गिरफ्तारी भी हो सकती है. खैर आगे क्या होगा ये तो समय बता देगा. लेकिन, जिस तरह से ईडी ने दबाव बनाया है. इससे तो इनकी हालत पतली हो गई है.
इनके खिलाफ मिले हैं मजबूत साक्ष्य
ईडी तो इतनी आश्वस्त और खुद पर एतबार जता रही है कि जेलर औऱ जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के पुख्ता आधार है. इनका कहना तो ये है कि इन पर पहले से ही केस चल रहे हैं, जो कार्रवाई करने के लिए काफी है. जेल में छापेमारी के दौरान ईडी को जेल प्रशासन के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य से लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले थे. जेल के डीवीआर भी जब्त की गई थी, जिसकी जांच की जा चुकी है.
शराब, जमीन समेत अन्य घोटाले की जांच कर रही ईडी आगे रफ्तार से इनकी सच्चाई सामने लायेगी. बिरसा मुंडा कारा के जेलर और जेल अधीक्षक बंदियों को सुविधाओं देने के नाम पर पैसा वसूलते थे या फिर रिश्वत लेते थे. इसकी बात सामने आ गयी है . अब आगे क्या-क्या होता. इस पर सभी की निगाहे टिकी रहेगी. क्योंकि जब बात निकली है, तो दूर तक तो जानी तय दिख रही है.