रांची(RANCHI): लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही सभी पार्टी के नेता समीक्षा करने में जुटे है.आखिर किस पार्टी की कहाँ चूक हुई इसपर मंथन कर रहे है. लेकिन सभी पार्टी में सबसे ज्यादा चिंता जयराम महतो को लेकर है. कुर्मी नेता के रूप में जयराम की इंट्री से कई नेताओं की नींद उड़ गई है. अब सवाल है कि आखिर विधानसभा चुनाव में जयराम के आने से किसका खेल बिगड़ेगा और किसका बनेगा.किस सीट पर जयराम के आने से पूरा समीकरण ही बिगड़ सकता है. इसमें सबसे ज्यादा चिंता सुदेश महतो को है इसके अलावा मथुरा महतो को भी डर सता रहा है.
अगर देखे तो जयराम महतो और इनके संगठन से जुड़े लोगों ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. खुद जयराम महतो ने तीन लाख 50 हजार से अधिक वोट लाया है. भले चुनाव में हार मिली लेकिन यह वोट जयराम की ताकत बताने के लिए काफी है.पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी निर्दलीय ने पहली बार इतना वोट प्राप्त किया हो. अगर देखे तो विधानसभा चुनाव में यह बड़ा फैक्टर बन सकते है. चाहे टुंडी, बाघमारा, गोमिया, डुमरी और गिरीडीह में काफी मजबूत स्तिथि में है.
विधानसभा चुनाव में हार और जीत का अंतर काफी नजदीक का होता है. ऐसे में जयराम महतो ने खुद की छवि एक कुर्मी नेता के रूप को बनाई है. जिसका फायदा भी लोकसभा चुनाव में हुआ. अब बारी विधानसभा चुनाव की है. विधानसभा चुनाव में डुमरी, बेरमों, टुंडी, बाघमारा और गोमिया में किसी का जीत का समीकरण को बिगाड़ सकते है. लोकसभा चुनाव में जयराम को कई सीट पर झामुमो और भाजपा के मुकाबले बेहतर वोट मिले है. इसमें डुमरी 90541 ,गोमिया 70500 ,बरमो 54400, टुंडी 59419, बाघमारा 46000 मतदाताओं ने वोट किया है.
इसके अलावा रांची लोकसभा क्षेत्र से ही छात्र नेता देवेन्द्र महतो ने भी एक लाख से अधिक वोट लाकर खुद को राजनीति में स्थापित कर लिया है. इसमें सबसे अधिक ईचागढ़ से वोट मिले थे. अगर ईचा गढ़ की बात करें फिलहाल झामुमो से सबीता महतो विधायक है. बावजूद इसके 40 हजार से अधिक वोट में सेंधमारी की गई. इससे साफ है कि जनता एक नए विकल्प की ओर बढ़ रही है. वर्तमान पार्टी से अब बदलाव चाह रही है. इस सीट पर भी विधानसभा चुनाव में एक बड़ा फैक्टर छात्र नेता हो सकते है.
कुल मिला कर देखे तो झारखंड में सबसे बड़ा कुर्मी नेता सुदेश महतो को माना जाता है. वहीं झामुमो में मथुरा महतो है. लेकिन दोनों नेताओं के क्षेत्र में एक युवा ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है. इससे नेताओं में मंथन का दौर जारी है. गिरीडीह में महतो वोटरों का गढ़ है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में माना जा रहा है कि आजसू के साथ साथ अन्य पार्टी को बड़ा नुकसान जयराम पहुंचा सकते है.