Gomia:-बोकारो जिले के गोमिया के चर्चित और लोकप्रिए विधायक आजसू के लंबोदर महतो और पूर्व जेएमएम विधायक योगेन्द्र प्रसाद महतो आपस में ही भिड़ गये. जिसके चलते माहौल काफी गर्म हो गया और फिंजा में तनाव देखने को मिला. दरअसल, ये भिड़ंत और अनबन ‘सरकार आपके द्वार कार्यक्रम’ के दौरान देखने को मिली. जिले के गोमिया प्रखंड के अधीन बड़की सीधाबारा पंचायत के तुसको फुटबॉल मैदान में लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों के वितरण को लेकर ये घमासान देखने को मिला. दोनों नेताओं के भिड़ंत के चलते उनके समर्थक भी एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी और लात-घूंसे चले.
क्या था असल मामला ?
बताया जा रहा है है कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शांतिपूर्वक चल रहा था. वहां का आवाम और दूर-दराज से आए लोग अपनी जरुरत के मुताबिक योजनाओं का आवेदन जमा कर रहे थे. कुछ लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी वितरण किया जाना था. इस दौरान पूर्व जेएमएम विधायक योगेन्द्र प्रसाद महतो पहले से ही मौजूद थे. उनकी मांग और तर्क थी कि प्रदेश में उनकी सरकार है, तो उनके हाथों से ही परिसंपत्तियों का वितरण होगा. इसी को लेकर मौजूदा आजसू विधायक ने आपत्ति जताई और उनका मानना था कि प्रोटकॉल का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है. इस सवाल पर ही योगेन्द्र महतो और लंबोदर महतो के बीच बहस होने लगी. इसके बाद ही माहौल काफी गरमा गया.
समर्थको के बीच चलते लात-घूंसे
विधायक के साथ अनबन,बहसबाजी और नोकझोंक देखकर तमतमाए दोनों नेताओं के समर्थकों ने एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकनी शुरु कर दी. देखते-देखते कार्यक्रम स्थल रण क्षेत्र में तब्दील हो गया. इस घमासान में जमकर लात-घूंसे चले. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में इस तरह के लड़ाई होने के बाद कापी तनाव पसरा था. हालांकि, वहां मौजूद गणमान्य लोग और अफसरों को समझने-बुझे के बाद मामला शांत हुआ.
गोमिया विधायक ने क्या कहा ?
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में इस बवाल पर गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो के मुताबिक प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय विधायक को परिसंपत्तियों के वितरण का अधिकार है. वह बीडीओ से इसे लेकर ही सवाल पूछ रहे थे कि दूसरे भला कैसे वितरण करेंगे. तब ही पूर्व विधायक येगेन्द्र प्रसाद महतो ने अंगुली दिखाकर बात कही. ये सही नहीं है.
क्या बोले पूर्व गोमिया विधायक ?
गोमिया से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व विधायक रहे योगेन्द्र महतो की माने कि जब लोग सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को फेल बता रहें है. तो फिर परिसंपत्तियों के वितरण करने कैसे पहुंच गये.