धनबाद: प्रवर्तन निदेशालय की कोयला चोरी, तस्करी के खिलाफ एक्शन की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही है. कोयलांचल में तो पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. इस बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय कोयला चोरी के मामले में जिन सबूतों पर काम कर रही है,उन "सबूतों का एनकाउंटर" हो सकता है.
उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को सचेत रहने की सलाह दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर क्या कहा है, उसे हूबहू दिया जा रहा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में अब अपराध छिपाने के लिए नया अपराध गढ़ना सरकार और सिस्टम की आदत बन चुकी है.
धनबाद के कोयले के काले साम्राज्य में ED की हालिया कार्रवाई ने कई चौंकाने वाले सबूत उजागर किए हैं. लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि कोयले की काली कमाई से लाल हो रहे कुछ “शीर्ष पुलिस अधिकारी” द्वारा कोयला माफियाओं को उनके कुछ जमीनी गुर्गों को “हमेशा के लिए खत्म” करने का “टारगेट” दिया गया है.
स्पष्ट जानकारी मिल रही हैं कि ED जिन लोगों से पूछताछ कर रही है, उन्हीं की हत्या की साजिश रची जा रही है, ताकि सच बाहर न आ सके। अपराधियों को पकड़ने के नाम पर “सबूतों का एनकाउंटर” कराने का खेल पहले भी इस राज्य में खेला गया है. झारखंड एक ऐसे अपराधी डीजीपी को देख चुका है जिस पर सुपारी लेकर एनकाउंटर तक करवाने और झारखंड में उससे भ्रष्ट डीजीपी आजतक कभी नहीं बनने के साथ ही भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ देने का आरोप सत्ताधारी दल तक के लोगों ने भी लगाया है.
ED को बेहद सतर्क रहना चाहिए। यहाँ सच बोलने वाले का नहीं, सच दबाने वाले का राज चलता है। और जब सत्ता, सिस्टम और माफिया एक ही धुरी पर घूमने लगें, तो न्याय का गला घोंटना महज औपचारिकता रह जाती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
