रांची (RANCHI) : झारखंड में लोकसभा चुनाव का प्रचार अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन चुनावी रण में राज्य के नेता कूद पड़े हैं. झारखंड के नेता सोशल मीडिया पर सियासी जंग की शुरुआत कर दी है. सोशल मीडिया के जमाने में प्रत्याशी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसी का नतीजा है कि पक्ष और विपक्ष की ओर से लगातार सियासी बाण छोड़े जा रहे हैं. एक-दूसरे के खिलाफ सोशल साईट्स पर खूब पोस्ट कर मतदाताओं को रिझाने का काम कर रहे हैं.
सोशल मीडिया ने बदला चुनाव प्रचार का अंदाज
बदलते समय के अनुसार नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार में बीते दस सालों में काफी बदलाव किया है. लोगों तक आसानी से पहुंचने के लिए और अपनी बातों को पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया को अब हथियार बना लिया है. पहले गली मोहल्लो से लेकर चौपालों, चौक-चौराहा, हाट-बाजार में जमकर राजनीतिक चर्चा चलती थी. चाय की चुस्की के साथ लोगों का अपना-अपना ओपिनियन होता था लेकिन इस आधुनिक दौर में सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार की पुरानी परंपरागत अंदाज ही बदलकर रख दिया है. इसके लिए प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी टीम रखी हुई है जो उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के साथ ही उनसे जुड़ी पार्टियों की नीतियों का फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप और एक्स पर प्रचार प्रसार करते हुए मतदाताओं पर खूब डोरे डालने में जुटे हुए हैं.
उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर झोंकी ताकत
सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ने से लोकसभा चुनाव के मैदान में किस्मत अजमा रहे अधिकांश उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार अभी जोड़ नहीं पकड़ा है, लेकिन विभिन्न सोशल साईट्स पर अपनी ताकत झोंक दी है. वहीं मतदाता भी चुप्पी साधे हुए हैं, उनके मन में क्या चल रहा है वो तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहे सियासी बयान का मतदाता भी खूब मजे ले रहे हैं.
झारखंड के इन नेताओं ने संभाल रखी है कमान
बता दें कि झारखंड चुनाव चार चरणों में होगा जिसकी शुरुआत एक महीने बाद 13 मई से होगा. लेकिन राज्य के माननीय अभी से सोशल मीडिया पर अपनी ताकत झोंक दिये है. भाजपा की ओर से निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, सीता सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के तरफ से कल्पना सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन मोर्चा संभाले हुए हैं. वहीं कांग्रेस से राजेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता भी फ्रंटफुट पर बैटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर विरोधियों के खिलाफ जंग की शुरुआत हो गई है. प्रत्याशी विपक्षियों पर निशाना भी साध रहे हैं और अपनी बखान करने में लगे हुए हैं. अब देखना होगा कि इस प्रचार से मतदाताओं पर कितना असर पड़ेगा.