देवघर (DEOGHAR): सशक्त लोकतंत्र के लिए मतदान आवश्यक है. मताधिकार का प्रयोग सभी के लिए एक नई उम्मीद लाती है. मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने पसंदीदा लोगों को संसद या विधानसभा भेजते हैं ताकि उनके क्षेत्र का बृहद विकास हो सके. लेकिन कभी-कभी मतदाताओं को अपनी पसंदीदा जनप्रतिनिधि का चुनाव करने में धोखा भी खाना पड़ता है.इसी तरह का एक मामला देवघर के देवीपुर प्रखंड के धोबवा गांव में देखा गया. स्थानीय ग्रामीण झारखंड गठन के बाद एक आदत रोड की मांग कर रहे है. लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि के कानों में जू तक नहीं रेंगी. आलम यह हो गया अब यह ग्रामीण वोट बहिष्कार का निर्णय लिए हैं.
बारिश में मुख्यालय से टूट जाता है संपर्क नहीं पहुंचता है एंबुलेंस
देवघर के देवीपुर प्रखंड अंतर्गत धोबवा के ग्रामीण आज बैठक कर लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय मुख्य सड़क से उनके गांव तक आने-जाने के लिए सड़क नहीं रहने के कारण लिया है. धोबवा गांव में लगभग 200 घर है और साढ़े नौ सौ से अधिक मतदाता हैं. जनसंख्या की बात करें लगभग 15 सौ से अधिक लोग इस गांव में निवास करते हैं. झारखंड गठन के बाद से मुख्य सड़क से लेकर उनके घर तक एक सड़क बनाने की मांग सांसद निशिकांत से लेकर स्थानीय विधायक सह मंत्री हफीजुल हसन तक आग्रह किया था लेकिन आज तक इस गांव में रोड की समस्या का समाधान नही हो सका.पक्की सड़क नही रहने के कारण बारिश के मौसम में ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर किसी को अस्पताल भी ले जाना पड़े तो एंबुलेंस उनके घर तक नहीं पहुंच पाती है कारण है कच्ची सड़क. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव में इस गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार का निर्णय ले लिया है. अब देखना होगा ग्रामीणों के उठाए गए इस कदम पर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का क्या रोल होगा.
रिपोर्ट. ऋतुराज सिन्हा