धनबाद(DHANBAD): बरसात खत्म हो गया, जाड़े की सीजन भी समाप्ति की ओर है लेकिन कोयलांचल में जमीन धसने और फटने की घटनाएं काम होने के बजाए बढ़ती जा रही है. मतलब पहले बरसात के सीजन में ही अधिकतर भू धसान की घटनाएं होती थी लेकिन अब 12 महीने घटनाएं हो रही है. लोयाबाद के गड़ेरिया में भी धसान की घटना हुई थी. छिटपुट घटनाएं हर 24 घंटे पर कोयलांचल के किसी न किसी इलाके में हो रही है. कपासरा आउटसोर्सिंग के समीप गुरुवार की आधी रात को बिहार ,बंगाल नामक कॉलोनी में जोरदार आवाज के साथ अजय यादव का घर जमीनदोज हो गया. संयोग अच्छा था कि कोई आदमी मलवे में नहीं समाया. लगभग एक सौ मीटर एवं 5 फीट गहरा भू धसान हुआ है. आंकड़े बताते हैं कि एक माह के भीतर कपासरा आउटसोर्सिंग में धसान की यह पांचवी घटना है. घटना होती है तो प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्र का दौरा करते हैं लेकिन फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही चलने लगता है.
300 की आबादी पर बढ़ रहा खतरा
बिहार ,बंगाल कॉलोनी में लगभग 70 घर है, जहां 300 की आबादी बसती है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां कोयला का उत्खनन कर रही कंपनियों का हम विरोध नहीं करते लेकिन भू धसान से जितने भी घर प्रभावित हुए हैं, उनका पुनर्वास होना चाहिए. आउटसोर्सिंग क्षेत्र के आसपास जितने भी लोग रह रहे हैं, सभी गरीबी रेखा के नीचे के है. दूसरी ओर आउटसोर्सिंग कंपनियों का दावा है कि प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पुनर्वास कराया जा रहा है. लेकिन लोग हटने को तैयार नहीं है. लोगों की आजीविका का साधन अवैध कोयला उत्खनन है. इसलिए भी लोग नहीं जाना चाहते. बता दें कि झरिया पुनर्वास को लेकर केंद्र सरकार अभी गंभीर है. कोयला सचिव भी कोयलांचल का दौरा कर चुके हैं और उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कड़े निर्देश दिए है. बावजूद धसान की घटनाएं लगातार हो रही है. अब धसान की घटनाओं का दायरा बड़ा हो रहा है, इसलिए अगर प्रशासन या कोलियरी प्रबंधन सजग नहीं हुआ तो कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद