धनबाद(DHANBAD): भूली- वासेपुर बाईपास रोड पर बुधवार की रात अनवर उर्फ चाइना डब्ल्यू पर हुई फायरिंग गैंगवार है अथवा गैंग के समर्थकों के बीच की आपसी लड़ाई, पुलिस इस बिंदु को भी ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि फायरिंग के मामले में 4 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. जानकारी के अनुसार चारों फहीम खान गुट के समर्थक बताये जाते है. जिन चारों लोगों के खिलाफ एफ आई आर की गई है, उनमें वासेपुर के जीशान, फैजान, टिंकू और खुर्रम शामिल है. पुलिस को दिए बयान में चाइना डब्ल्यू ने बताया है कि बुधवार की रात वह भूली बाईपास रोड मुस्लिम होटल के पास खा- पी रहा था. पीछे से किसी ने गोली मार दी. चाइना का आरोप है कि जीशान, फैजान, टिंकू और खुर्रम ने ही साजिश रच कर उस पर फायरिंग करवाई है. वैसे डॉक्टरों ने चाइना के सिर के पिछले हिस्से में फंसी गोली को ऑपरेशन कर निकाल लिया है.
चाइना डब्ल्यू फिलहाल खतरे से बाहर है
फिलहाल उसकी स्थिति खतरे से बाहर है. कहा जाता है कि चाइना डब्ल्यू कुछ दिन पहले तक फहीम खान के भांजे प्रिंस खान के साथ था. लेकिन कुछ दिन पहले उसने पाला बदल लिया और फहीम गुट के लोगों के साथ हो लिया था. गोली लगने के बाद फहीम खान का बेटा इकबाल जब दुर्गापुर मिशन अस्पताल में इलाज करा रहा था तो चाइना डब्ल्यू अक्सर इकबाल से मिलने दुर्गापुर जाता था. इसलिए बुधवार को गोली चलने के बाद सबसे पहले पुलिस को लगा कि फहीम खान के विरोधी प्रिंस खान ने ही चाइना डब्ल्यू पर गोली चलवाई होगी. हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई प्रमाण नहीं मिला है. इधर, नामजद प्राथमिकी होने से जांच की दिशा बदल सकती है, ऐसा अनुमान लगाया जाता है. बुधवार की रात फायरिंग के बाद पुलिस ने इसे गैंगवार के रूप में लिया और जांच-पड़ताल शुरू की. लेकिन नामजद प्राथमिकी होने के बाद पुलिस अब आरोपियों को खोज रही है. उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे है. वासेपुर में इन दिनों मामा यानी फहीम खान और भांजा यानी प्रिंस खान के बीच जंग छिड़ी हुई है और इस जंग में समर्थक पीस रहे है. पुलिस उन लोगों को भी खोज रही है जो अक्सर घटनास्थल के आसपास रहते है. पुलिस प्रत्यक्षदर्शियों की भी तलाश कर रही है ताकि पता चल सके कि वास्तव में मामला है क्या.
50 साल पुराना है वासेपुर में गैंगवार का इतिहास
वैसे , वासेपुर में गैंगवार का इतिहास 50 साल पुराना है. गैंगवार में मारे गए लोगों की बात अगर की जाए तो सफी खान की हत्या 1983 में बरवअड्डा के पेट्रोल पंप में कर दी गई थी. उसके बाद 1984 में अस गर की हत्या नया बाजार में की गई. 1985 में अंजार की हत्या हुई थी. सफी खान के बेटे और फहीम के भाई शमीम खान की हत्या 1989 में धनबाद कोर्ट परिसर में कर दी गई थी. शमीम की हत्या तब हुई, जब पुलिस जेल से पेशी के लिए लेकर आ रही थी. हमला करने वाला अकेला था और उसने ताबड़तोड़ बम चला कर हत्या कर दी थी. उसके बाद फहीम खान के एक और बेटे छोटन की 1989 में नया बाजार के हत्या कर दी गई थी. 1998 में हिल कॉलोनी मजार इलाके में मोहम्मद नजीर और महबूब की दौड़ा-दौड़ा कर हत्या की गई थी. यह दोनों लोग नया बाजार के बताए गए थे. उसके बाद 2000 में घर में घुसकर जफर अली की हत्या कर दी गई. 2001 में डायमंड क्रॉसिंग इलाके में फहीम की मां और मौसी की हत्या की गई थी. 1996 में सुल्तान की हत्या की गई. उसके बाद रांची में वाहिद आलम को मौत के घाट उतार दिया गया. यह साल 2009 का था. उसके बाद धनबाद रेल मंडल कार्यालय में रेलवे ठेकेदार इरफान खान की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. 2021 में लाला खान की हत्या वासेपुर में की गई, उसके बाद 2021 में जमीन कारोबारी नन्हे की हत्या कर दी गई थी. 2023 में ढोलू को गोली मार दी गई. इसके पहले फहीम खान के साला टुन्ना खान को 2014 में गोली मारी गई, फिर 2017 में पप्पू पाचक की हत्या कर दी गई. इस तरह वासेपुर गैंगवार में जान गवाने वालों की सूची लंबी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो