गुमला(GUMLA): गुमला जिला मुख्यालय के ललित उरांव बस पड़ाव पूरी तरह से प्रशासनिक उदासीनता की मार झेल रहा है ,बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है जिसके कारण यहां आने वाली यात्रियों को परेशानी तो होती है. साथ ही साथ यहां से जो बसों का परिचालन होता है उससे जुड़े हुए स्टाफ को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है ,बस स्टैंड में ना तो सही रूप से पीने के पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की सही रूप से व्यवस्था हो पाई है. जिसके कारण खास करके महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बस स्टैंड के चारों तरफ फैली गंदगी लोगों के लिए बीमारी का कारण बनती जा रही है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड बनाने की जो बात है कही जाती है, वह अब तक केवल फाइलों में ही सीमट के रह गया है.
बदहाल स्थिति में गुमला का ललित उरांव बस स्टैन्ड
किसी भी जिले में आने वाले व्यक्ति के जहन में उस जिले को लेकर पहला इंप्रेशन वहां पर मौजूद बस स्टैंड हो या रेलवे स्टेशन हो या फिर वहां की जो सार्वजनिक स्थल है वह डालता है, ऐसे में आप समझ सकते हैं कि बस स्टैंड कितना महत्वपूर्ण रहता है लेकिन गुमला जिला प्रशासन की नजर में बस स्टैंड को लेकर जो लापरवाही देखने को मिल रही है, वह पूरी तरह से परेशानी का कारण बना हुआ है. गुमला जिला मुख्यालय में स्थित ललित उरांव बस स्टैंड आज पूरी तरह से बदहाली की स्थिति में पड़ा हुआ है बस स्टैंड में ना तो किसी प्रकार से साफ सफाई की व्यवस्था है और ना ही किसी प्रकार से बेहतर व्यवस्था स्थापित की गई है. जिसके कारण यहां रहने में लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
बस स्टैंड में ना तो पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की
इस बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग 200 से अधिक बसों का परिचालन किया जाता है, लेकिन बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से और राज्य सरकार की ओर से बस स्टैंड को एक मॉडल बस स्टैंड बनाने का सपना आज तक केवल फाइलों में ही सीमट के रह गया है. स्थानीय बस स्टैंड में काम करने वाले एजेंट नवीन कुमार की माने तो बस स्टैंड की व्यवस्था पूरी तरह से भगवान भरोसे है. यहां से कई बसों का संचालन तो होता है जिसके कारण सरकार को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाएं भी देखने को नहीं मिल रहा है. बस स्टैंड में ना तो पीने के लिए सही रूप से पानी की व्यवस्था है ना ही यहां पर शौचालय की व्यवस्था है और ना ही यात्रियों के लिए ठहरने के लिए कोई बेहतर व्यवस्था है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहे लोग
वहीं बस स्टैंड में बसों के ठहराव को लेकर जो स्थान होना चाहिए वह भी सही रूप से नहीं है इसके कारण बसों के ठहराव को लेकर भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. जिसको लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं बस स्टैंड के अध्यक्ष की माने तो बस स्टैंड में कई ऐसे निर्माण कार्य हैं जो पूरी तरह से परेशानी का कारण बना हुआ है, जिसके कारण बसों को लगाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके इस दिशा में प्रशासन को कई बार ध्यान आकृष्ट करवाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों ने स्पष्ट कहा की प्रशासन को इस दिशा में कई बार पत्र भी लिखा गया है. बावजूद इसके कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय में बस स्टैंड होने के बावजूद भी यहां पर चोरी के साथ ही साथ छिनतई की घटनाएं भी होती है जिसको लेकर यात्रियों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर भी कोई विशेष व्यवस्था नहीं की की गई है.
लोगों ने बताया कि गुमला जिला के स्थापना को 40 वर्ष से अधिक समय बीत गया है बावजूद इसके जिला मुख्यालय में स्थित इस बस स्टैंड की स्थिति को देखकर लगता है कि प्रशासन की ओर से नागरिकों की सुविधा के लिए ध्यान नहीं दिया जाता है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वारा अरबो रूपया प्रत्येक वर्ष खर्च किया जाता है ,बावजूद इसके जो जिला मुख्यालय का बस स्टैंड प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है.
रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह