रांची(RANCHI): झारखंड की सियासत में कल्पना सोरेन एक कद्दावर नेता के तौर पर सामने आई हैं. ऐसे में कल्पना सोरेन को संगठन में बड़ा दायित्व देने की चर्चा के बीच ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने बूथ स्तर से लेकर जिला कमिटी को भंग कर दिया है. अब नई कमिटी का गठन होगा. लेकिन इस बीच फिर एक सवाल उठ रहा है कि कल्पना को पार्टी की कमान मिल जाएगी लेकिन बसंत क्या करेंगे. क्या कोई जिम्मेवारी बसंत को भी मिलेगी या फिर ऐसे ही रहेंगे.
आखिर क्यों भंग हुई कमिटी
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बूथ स्तर से लेकर जिला कमिटी को भंग कर दिया है. इसके पीछे की कहानी साफ है कि फरवरी में झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की स्थापना दिवस है. इसके बाद महाधिवेशन होना है. अधिवेशन में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा. साथ ही पूरी कमिटी की रूप रेखा तैयार की जाएगी. यही वजह है कि संगठन महासचिव ने पूरे कमिटी को भंग कर दिया है. साथ ही सभी जिले में संयोजक मंडली के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है.
अब नई कमिटी के गठन के साथ ही कल्पना सोरेन को संगठन में जिम्मेवारी मिलेगी. अधिवेशन के दौरान कल्पना सोरेन को पार्टी की बागडोर दी जा सकती है. सभी नेता यह समझ रहे हैं कि अगर कल्पना सोरेन के साथ संगठन की जिम्मेवारी दी जाती है तो पार्टी मजबूत के साथ-साथ अन्य राज्य में बेहतर कर सकती है. पिछले दो चुनाव में देश ने देखा है कि कल्पना सोरेन की नेतृत्व क्षमता और कौशल कैसा है. सभी को साथ लेकर चलने का हुनर उनके पास है. साथ ही इतने कम समय में खुद को स्थापित किया है. अब झारखंड से बाहर निकल कर झारखंड की शेरनी धमाल मचाएगी.
क्या करेंगे बसंत सोरेन
अब सवाल है कि कल्पना को कमान मिलेगी तो बसंत सोरेन क्या करेंगे? देखा जाए तो फिलहाल बसंत सोरेन सिर्फ एक विधायक हैं. अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं, ज्यादा समय विधानसभा क्षेत्र में ही बिताते हैं. संगठन में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखते हैं. ऐसा लगता है कि ज्यादा दिलचस्पी उन्हें पार्टी में नहीं है. वह एक बैकबोन के तौर पर शुरू से काम करते हैं. अब फिर से वह पीछे से ही संगठन के साथ देंगे. ऐसे में उन्हें कोई पद दिया जाएगा या नहीं यह तो अब अधिवेशन में ही साफ होगा.
फिलहाल, सभी बिंदुओं पर संगठन के अंदर मंथन का दौरा जारी है. अधिवेशन भी ऐसे समय में है जब बिहार में चुनाव होना है और झारखंड मुक्ति मोर्चा सीधे तौर पर इस चुनाव को लड़ने का ऐलान कर चुका है. अब बिहार चुनाव में कल्पना के नेतृत्व में ही जाने की तैयारी हो रही है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन