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किसानों की मेहनत लाई रंग, पाकुड़ के बंजर भूमि में अब ड्रैगन फ्रूट की हो रही खेती, उपायुक्त ने की सराहना

किसानों की मेहनत लाई रंग, पाकुड़ के बंजर भूमि में अब ड्रैगन फ्रूट की हो रही खेती, उपायुक्त ने की सराहना

पाकुड़: कभी वीरान पड़ी ज़मीन अब हरे-भरे भविष्य की कहानी कह रही है. पाकुड़ प्रखंड के झिकरहटी स्थित केकेडीएम उच्च विद्यालय के बंजर भूमि पर जब एक पूर्व प्रधानध्यापक और एक किसान ने मेहनत की बीज डाली, तो वहां से ड्रैगन फ्रूट की उम्मीदें लहलहा उठीं. इस नवाचारी पहल का निरीक्षण करने पहुंचे उपायुक्त मनीष कुमार ने न केवल इन प्रयासों की सराहना की, बल्कि इसे जिले के लिए एक आदर्श मॉडल बताया.

पूर्व प्रधानध्यापक दिलीप घोष एवं किसान मनारुल हक ने विद्यालय के परित्यक्त भूमि को उपयोग में लाकर ड्रैगन फ्रूट, मक्का और अमरूद की खेती शुरू की है. उपायुक्त ने इस कार्य को किसानों की सोच और श्रम का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह प्रयास न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि जिले के अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा.

उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब पाकुड़ जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती की गई है, जो कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण देशभर में अत्यधिक लोकप्रिय हो रही है. इसके डायरेक्ट मार्केटिंग की योजना बनाई जा रही है, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल सके.

उपायुक्त ने अन्य किसानों से भी इस नवाचार को देखने और इससे प्रेरणा लेने की अपील की. उन्होंने कहा, "बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने की यह कोशिश न सिर्फ खेती की दिशा बदल रही है, बल्कि सोच को भी नया आयाम दे रही है.

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने केकेडीएम उच्च विद्यालय का भी दौरा किया. ग्रामीणों ने भवन की कमी और पेयजल की समस्या की बात रखी, जिस पर उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही अतिरिक्त कक्षाओं के लिए भवन और डीप बोरिंग की व्यवस्था की जाएगी. यह सिर्फ खेती नहीं, बदलाव की शुरुआत है – एक शिक्षक और किसान की साझी पहल से.

रिपोर्ट: नंद किशोर मंडल/पाकुड़

Published at:12 Jun 2025 05:20 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Pakur newsdragon fruit is cultivated in pakurपाकुड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेतीPakur dc
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