धनबाद(DHANBAD):फायरिंग गैंग से केवल धनबाद पुलिस ही नहीं बल्कि झारखंड पुलिस भी परेशान हो गई है. जानकारी के अनुसार सीआईडी ने झारखंड में सक्रिय पांच कुख्यात संगठित गिरोहों में शामिल लगभग 400 अपराधियों की सूची बनाई है. 5 गिरोहों में दो धनबाद में सक्रिय है. एक गिरोह का सरगना अमन सिंह जेल में है तो दूसरे गिरोह का किंगपिन प्रिंस खान देश के बाहर से गैंग चला रहा है.
धनबाद की तर्ज पर रांची में भी कारोबारियों को धमकाने का खेल शुरु
धनबाद की तर्ज पर रांची में भी कारोबारियों को धमकाने, पर्चा वायरल कराने का काम शुरू हो गया है. रांची के अरगोड़ा इलाके में लातेहार के चंदवा निवासी कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता पर फायरिंग के बाद अमन साव गिरोह के गुर्गों ने दूसरे कोयला कारोबारियों को फोन पर धमकाना शुरू कर दिया है. अमन साव का आदमी बताने वाला मयंक सिंह रांची, लातेहार, चतरा के कोयला कारोबारियों को फोन पर धमकी देना शुरू कर दिया है.
पुलिस ने पांच गैंग को किया चिन्हित
इन लोगों से भी रंगदारी मांगी जा रही है. जिन पांच गैंग को चिन्हित किया गया है, उनमें धनबाद के प्रिंस खान, धनबाद के ही अमन सिंह गिरोह के अलावा अमन साव गिरोह, अमन श्रीवास्तव गिरोह और विकास तिवारी गिरोह शामिल है. इनके खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेवारी झारखंड पुलिस ने एटीएस को दिया है. सीआईडी ने इन अपराधियों श्रेणी बनाई है. झारखंड में सक्रिय इन पांच बड़े अपराधी गिरोह के चार सरगना जेल में बंद हैं. सिर्फ प्रिंस खान ही लंबे समय से फरार है. वह किसी खाड़ी देश में रहकर अपना गैंग चला रहा है, वही अमन सिंह, अमन साव ,विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव जेल से गैंग संचालित कर रहे हैं.
अमन सिंह गिरोह के कुल 11 सदस्य हुए थे गिरफ्तार
उनके कहने पर उनके लोग बाहर आतंक मचा रहे हैं. हत्या कर रहे हैं. कारोबारियों को धमका रहे हैं. धनबाद में सक्रिय अमन सिंह गिरोह की एक महिला सहित दस अपराधियों को धनबाद पुलिस ने अभी हाल ही में जेल भेजा है. इसके बाद से अमन सिंह गिरोह की गतिविधियां कम हो गई है. लेकिन प्रिंस खान लंबे समय से फरार है .पुलिस सूत्रों के अनुसार वह किसी खाड़ी देश में छिपा है.
5 गिरोह अब पुलिस के लिए बन गए हैं चुनौती
एटीएस और सीआईडी ने सीबीआई के मार्फत प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए पत्र लिखा है. प्रिंस खान गैंग के भी कई सदस्यों को धनबाद पुलिस ने जेल में डाल रखा है. लेकिन घटनाएं हो रही है. मतलब झारखंड में संचालित 5 गिरोह अब पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं .झारखंड की राजधानी में भी जब गिरोहों की गतिविधियां बढ़ी है तो पुलिस चौकस हुई है. देखना है कब जाकर अंकुश लग पाता है.
रिपोर्ट :धनबाद ब्यूरो