रांची(RANCHI)- राज्य के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले टीचिंग डॉक्टरों (शिक्षक चिकित्सक) पर अब कार्रवाई होगी. अगर वे लापरवाह देखेंगे तो विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. अब ऐसे सभी डॉक्टर जो शिक्षण कार्य में लगे हुए हैं यानी मेडिकल के स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे हैं, उन्हें अपने काम के संबंध में नियमित रूप से जानकारी देनी होगी.
डाक्टरों को नियमित रूप से देनी होगी अपने कार्यों की जानकारी
स्वास्थ्य शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वैसे डॉक्टर जो मेडिकल कॉलेज में शिक्षण कार्य में लगे हैं. उन्हें अब नियमित रूप से अपने कार्यों के संबंध में जानकारी देनी होगी. विभाग को यह शिकायत मिली है कि ऐसे शिक्षक चिकित्सक अपने कार्यों के प्रति लापरवाह हैं. इस कारण अध्ययनरत मेडिकल स्टूडेंट्स के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है. इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.
एक माह की पूरी जानकारी अगले माह की 10 तारीख तक करनी होगी अपलोड
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि प्रत्येक महीने में मेडिकल कॉलेज के शिक्षक चिकित्सकों को अपने कार्यों की जानकारी वेबसाइट के माध्यम से अपलोड करनी होगी. इस संबंध में वेबसाइट पर आवश्यक फोल्डर बना दिए गए हैं. प्रत्येक दिन के कार्यों के संबंध में उन्हें जानकारी उपलब्ध करानी है. एक माह की पूरी जानकारी अगले माह की 10 तारीख तक अपलोड हो जानी चाहिए.
स्टूडेंट्स की क्या है शिकायत
विभागीय पत्र में साफ तौर पर उल्लेखित किया गया है कि अगर जो शिक्षक चिकित्सक इस काम को नहीं करते हैं तो विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा. सामान्य रूप से मेडिकल के स्टूडेंट्स की यह शिकायत रही है कि उन्हें पढ़ाने के लिए निर्धारित शिक्षक नियमित रूप से नहीं आते हैं.