धनबाद(DHANBAD) | आवास खाली करने के मुद्दे पर सिंदरी का माहौल गर्म हो गया है. प्रभावित लोग परेशानी में है. वह आवास खाली करना नहीं चाह रहे, जबकि एफसीआईएल प्रबंधन आवास खाली कराने पर अड़ा हुआ है. इस बीच रविवार को डोमगढ़ के शिव मंदिर में सिंदरी विधायक बबलू महतो के नेतृत्व में माले की बड़ी जन आक्रोश सभा का आयोजन किया गया. अध्यक्षता माले के सुरेश प्रसाद ने किया, जबकि संचालन राजीव मुखर्जी के हाथों हुआ. सिंदरी विधायक बबलू महतो ने कहा कि सिंदरी एफसीआईएल प्रबंधन जमीन का सौदा कर रहा है.
आरोप --केंद्र ने सिंदरी को दे दिया है "लॉलीपॉप",यह मंजूर नहीं
हम किसी कीमत पर ऐसा होने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल, हवाई अड्डा के लिए जमीन नहीं की बात होती है. जबकि कोयला खनन के लिए एफसीआई प्रबंधन जमीन देने को तैयार है. हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड खोलकर केंद्र सरकार ने "लॉलीपॉप" थमा दिया है. इस कारखाने से सिंदरी के लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा, बल्कि उनके दिन डर के बीच गुजर रहे है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर भी भयातुर है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब तो आंदोलन शुरू हो गया है. सबसे पहले यहां के प्रबंधन के लोगों का पानी, बिजली बंद होगा.
सभा माले की थी लेकिन दूसरे दल की नेत्री भी पहुंची थी
आंदोलन बड़ा करना होगा और इसकी शुरुआत हो गई है. इस मौके पर भारी भीड़ थी. इधर, यह भी चर्चा रही कि सभा माले की थी, लेकिन दूसरे दल के एक नेत्री भी सभा में पहुंच गई थी. उन्होंने भी सभा को संबोधित किया. मतलब की सिंदरी के लोग अभी भी दुविधा में है और शायद यही वजह है कि आंदोलन धार नहीं पकड़ पा रहा है. सिंदरी वासियों के लिए वह काला दिन बन कर आया, जब 1992 में सिंदरी खाद कारखाने को बीमार घोषित कर दिया गया था.
31 दिसंबर 2002 को बंद हुआ था सिंदरी खाद कारखाना
बाद में औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआईएफआर) ने 2001 में इसे बंद करने की सिफारिश की थी. फिर वह दिन भी आ गया, जब 31 दिसंबर 2002 को सिंदरी खाद कारखाना बंद हो गया. तब प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों को वीएसएस के तहत सेवानिवृत्त कर दिया गया था, जिनकी संख्या 2000 से भी ज्यादा थी. इसका कारण दिया गया कि प्लांट से खास लाभ नहीं हो रहा है. हालांकि इससे काफी सारे लोगों का जीवन प्रभावित हुआ और हर साल इस दिन के पास आने के साथ कारखाने से जुड़े लोगों में टीस भर आती है. अब आवास खली कराने का मुद्दा भी बड़ा हो गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
