धनबाद(DHANBAD); बिहार से सवर्ण जातियों के मंत्री की संख्या ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का रास्ता रोक दिया.वह इस बार भी मंत्री नही बन सके.केंद्रीय मंत्रिमंडल में झारखंड से सिर्फ दो मंत्री बने. चार बार के सांसद निशिकांत दुबे को मंत्री बनाने की खूब चर्चा थी. लेकिन मंत्री नहीं बन सके. इस निर्णय से लोग भी चौके भी. सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर निशिकांत दुबे को मंत्री परिषद में जगह क्यों नहीं मिली.कहा जा रहा कि बिहार में मंत्रियों की संख्या ने झारखंड से निशिकांत दुबे का रास्ता रोक दिया.
बिहार से मंत्रिमंडल में 6 लोगों को जगह मिली है. बिहार से सवर्ण जातियों को अच्छी भागीदारी मिली है और सवर्ण जातियों की भागीदारी ने झारखंड से निशिकांत दुबे का रास्ता रोक दिया. झारखंड के कोडरमा से सबसे अधिक वोट से जीतने वाली अन्नपूर्णा देवी और रांची से जीतने वाले संजय सेठ को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. अन्नपूर्णा देवी पिछले मंत्रिमंडल में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री थी. इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. रांची के सांसद संजय सेठ को राज्य मंत्री बनाया गया है. दोनों लोग ओबीसी समुदाय से आते हैं. अन्नपूर्णा देवी जहां यादव समाज से आती है, वही संजय सेठ वैश्य समाज से आते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान देकर भाजपा ने ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश की है.
झारखंड में भाजपा ने अन्नपूर्णा देवी का कद ऊंचा कर यादव समाज को साधने की कोशिश की है. झारखंड में यादव समाज की आबादी 8 से 10% है. इसी समाज को जोड़ने के लिए पहली बार 2019 में अन्नपूर्णा देवी को भाजपा में लाया गया था. उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था. इस बार लोकसभा चुनाव में भी अन्नपूर्णा देवी ने अपने वोटरों को इंटैक्ट रखा. झारखंड में भाजपा वोट बैंक को साध रही है. वैश्य समाज से पहली बार रांची के सांसद संजय सेठ को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. संजय सेठ रांची से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि विकसित भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और उनके मंत्री परिषद के सदस्य के रूप में इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए वह अनवरत काम करेगी. उनका प्रयास होगा कि विकसित भारत के निर्माण में विकसित कोडरमा और विकसित झारखंड प्रमुख अवयव बने. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विकास पथ पर तीव्र गति से अग्रसर है. तेज विकास के साथ देश की जनता की आकांक्षा और अपेक्षा भी बढ़ी है.
इधर संजय सेठ ने कहा है कि अब झारखंड के प्रति मेरी जिम्मेदारी और जवाब दे ही दोनों बढ़ गई है. मेरी प्राथमिकता देश में हो रहे विकास को झारखंड तक लाना है. देश में हो रहे कई ऐसे काम है, जो झारखंड तक नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे के साथ बड़े उद्योगों को झारखंड में लाने का प्रयास उनका जारी रहेगा. झारखंड में पलायन रोकने की दिशा में भी वह काम करेंगे.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो