रांची(RANCHI): झारखंड में बाबूलाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है. अब बाबूलाल पर सत्ता पक्ष हमलावर हो गई. झामुमो ने बाबूलाल को पहले भाजपा में स्थापित करने की सलाह दी है. साथ ही कह डाला कि जब कोई काम नहीं कर पा रहे है तो राज्यपाल के चौखट पर पहुंच कर बोल रहे हैं "चाचा राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए" इस मामले में झामुमो ने केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता कर बाबूलाल और भाजपा पर निशाना साधा है.
झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सभी राज्यों से सूचनाएं मिल रही है कि भाजपा की हालत खराब है. कई राज्यों के एग्जिट पोल की सूचना भी सामने आई है. तमाम सूचना के बाद भाजपा हतास दिख रही है. खुद को पराजित शक्ति मान कर एक के बाद एक कार्रवाई करने में जुटी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक राज्यपाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में जिक्र सूत्र का किया है, अब उनका सूत्र कौन है कहां से आया है उन्हें मालूम नहीं है. राज्य में सिस्टम क्लोपस होने का दावा किया है. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
बाबूलाल के संकल्प यात्रा पर कसा तंज
साथ ही उन्होंने कहा कि बाबूलाल चले थे संकल्प लेकर लेकिन उन्हें रास्ते में ही पता चला की कोई संकल्प तो है ही नहीं, ना कोई जनसमर्थन मिल रहा है. साथ ही अखबार और चैनलों में उन्हें जगह नहीं मिल रही थी. उन्होंने सोचा कि एक पत्र लिख देते है जिससे पेपर में फोटो और चैनलों में एक वीडियो चल सके.
बूढ़ापहाड़ में मुख्यमंत्री पहुंचा रहे है सरकार की योजना
बाबूलाल ने राज्य में अपराध बढ़ने का दावा किया है. लेकिन गृह मंत्री के साथ बैठक में CM ने संगठित गिरोह,उग्रवादी पर कैसे लगाम लगाया गया है इसकी जानकारी दी है. हम अब भी मानते है कि राज्य में पूरी तरह से उग्रवादी खत्म नहीं हुए है. हम बूढ़ापहाड़ पर जीत हाशिल कर चुके है. जहां आज तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा वहां मुख्यमंत्री पहुंच कर सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है. हम भाजपा के जैसा पूरी तरह से उग्रवादियों के खात्मे का दावा नहीं करते है. उग्रवादियों के खात्मे के अभियान में रघुवर सरकार में बकोरिया कांड को अंजाम दिया है. हम ऐसा नहीं करते है. जो सच है वह दिखाते है.
रघुवर दास नहीं मानते रघुवर दास को नेता
बाबूलाल खुद को बड़ा नेता मानने लगे हैं. लेकिन बाबूलाल को खुद रघुवर दास नेता नहीं मानते है. अगर जमशेदपुर में कोई प्रोग्राम होता है तो वहां से बाबूलाल का फोटो गायब कर दिया जाता है. बाबूलाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया लेकिन अब प्रदेश कार्यसमिति का विस्तार नहीं कर सके. विधानसभा में चार साल से एक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन सके है. नेता प्रतिपक्ष के नहीं रहने से कई कठिनाई हो रही है. ऐसे में संसदीय कार्य का काम बाधित है. यहां से भाजपा का निबंधन रद्द होने चाहिए. खुद एक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर सके और राज्यपाल के पास पहुंच गए चाचा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए और चाचा तो इसे लिए बैठे है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन