रांची (RANCHI): रांची में बिजली विभाग के खिलाफ लंबे समय से चल रहे 140 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान मामले में मंगलवार को बड़ा कदम उठाया गया. Commercial Court के आदेश के बाद बिजली विभाग के तीन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया. यह कार्रवाई सिविल कोर्ट, रांची के नाजिर मो. जीशान इकबाल की टीम ने पूरी की.
कैसे बढ़ा मामला?
थड़पखना स्थित कंपनी Messrs Crystal Computer Informatics Center Pvt. Ltd. ने 2014 में झारखंड माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल में मध्यस्थता का मामला दायर किया था. वर्ष 2002 में बिजली विभाग ने इस फर्म को मीटर रीडिंग, मीटर सर्विलेंस, बिजली बिल तैयार करने और उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने का काम सौंपा था. फर्म ने 2002 से 2010 तक सेवाएं दीं, लेकिन तय भुगतान नहीं मिला.
काउंसिल का आदेश, फिर भी नहीं हुआ भुगतान
चार फरवरी 2015 को फैसिलिटेशन काउंसिल ने कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए बिजली विभाग को 140 करोड़ 80 लाख रुपये से अधिक की राशि चुकाने का आदेश दिया था. इसके बावजूद लगभग दस साल बीत गए पर भुगतान नहीं हुआ. मजबूर होकर फर्म ने सिविल कोर्ट में वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए Execution केस दायर किया.
कोर्ट का कड़ा निर्देश
Commercial Court के स्पेशल जज रवि नारायण ने Commercial Execution Case नंबर 98/2025 की सुनवाई के बाद बिजली विभाग के बैंक खाते फ्रीज करने का आदेश दिया. ये सभी खाते बैंक ऑफ इंडिया, क्लब साइड मेन रोड शाखा में हैं. खाते फ्रीज होने के बाद अब नजर इस बात पर है कि बिजली विभाग बकाया भुगतान करने के लिए क्या कदम उठाता है. फर्म का कहना है कि वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा के बाद अदालत की यह कार्रवाई उनके लिए राहत की उम्मीद लेकर आई है.
