धनबाद(DHANBAD) | ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन का तृतीय त्रैवार्षिक अधिवेशन पटना में रविवार को हुआ. अधिवेशन के कार्यक्रम का प्रारंभ यूनियन के झंडोत्तोलन तथा शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ किया गया. फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार की मनसा पुरानी पेंशन नीति की बहाली नहीं है बल्कि नई पेंशन में ही सुधार करना चाहती है. 10 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदर्शन किया गया. फेडरेशन के आह्वान पर सभी जोनल संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए हड़ताल पर जाने के लिए 21-22 नवंबर को हुए मतदान में 98 % रेलकर्मियों ने सहमति दी है. 12 दिसम्बर को फेडरेशन पुरानी पेंशन बहाली के लिए बने संयुक्त फोरम की बैठक बुलाई है. जिसमें हड़ताल की तिथि की घोषणा की जाएगी.
दावा -पुरानी पेंशन की बहाली राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक मुद्दा बन चुका है
मिश्रा ने कहा कि अब पुरानी पेंशन की बहाली राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक मुद्दा बन चुका है. लेकिन हमारे संगठन के लिए यह राजनैतिक मुद्दा नहीं बल्कि हमारा बुढ़ापा कैसे कटेगा, इस समस्या के समाधान करने की चिंता है. आज 9 लाख से अधिक रेलकर्मी नई पेंशन के अधीन आ चुके है. इन युवा कर्मियों का ऊर्जावान साथ लेकर इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाएंगे. हमारे संगठन ने 1974 में अपनी मांगों को लेकर उस समय की शक्तिशाली इंदिरा सरकार से टकराने का काम किया था और 1977 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में उस मजदूर विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने काम किया था. आज भी हमारा संकल्प है कि पुरानी पेंशन प्राप्ति के रास्ते में आने वाले हर बाधा को मिटा देंगे. आज अपने इतिहास को दुहराने का समय नहीं है बल्कि आज एक नया इतिहास बनाने का समय आ गया है. उन्होंने आश्वस्त किया कि ट्रैकमैन साथियों को 4200 ग्रेड पे दिलाने के लिए हम संकल्पित है. आज देश में रोजगार की कोई नीति नहीं है. सरकार नीजिकरण की नीति पर जोर दे रही है. बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने की मांग पर भी हम संघर्ष कर रहे हैं ताकि उन्हें रोजगार तो मिले ही, साथ ही साथ रेलवे की बड़ी संख्या में खाली पदों पर नियुक्तियां हो सकें और काम में लगे कर्मचारियों पर काम का बढ़ता बोझ कम हो सके.
अधिवेशन में नये केन्द्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई
अधिवेशन में नये केन्द्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई, जिनके नामों की घोषणा महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने किया. अध्यक्ष-डी के पाण्डेय,कार्यकारी अध्यक्ष-एस एस डी मिश्रा,एस सी त्रिवेदी,उपाध्यक्ष-बी पी यादव,एस के पाण्डेय,केदार प्रसाद,श्रीमती मृदुला मारी,मनोज कुमार पाण्डेय, महामंत्री-एस एन पी श्रीवास्तव,अपर महामंत्री-मो ज़्याऊद्दीन,सहायक महामंत्री-ओमप्रकाश, मनीष कुमार,के के मिश्रा,बी बी पासवान,केन्द्रीय संगठन मंत्री-बिन्दु कुमार,नेताजी सुभाष,सोमेन दत्ता,श्रीराम सिंह,मनोज कुमार,सूर्य भूषण मिश्रा, बबलू कुमार,कोषाध्यक्ष - मिथिलेश कुमार. कार्यक्रम में महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव ने सदन में अपने संबोधन के साथ प्रतिवेदन तथा लेखा जोखा रखा. इसके बाद दस महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए, जिसपर चर्चा के बाद सदन ने करतल ध्वनि के साथ सर्वसम्मति से पारित किया. इस अधिवेशन में ईसीआरकेयू की सभी शाखाओं के सचिव, केन्द्रीय परिषद सदस्य, डेलिगेट प्रतिनिधि तथा नामांकित प्रतिनिधियों ने पूरे उत्साह के साथ अपना योगदान दिया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो