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टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. लेकिन, इससे पहले राज्य में कम वर्षा ने किसानों की कमर तोड़ दी थी. मॉनसून के मौसम में औसत से कम बारिश से लोग हलकान थे. सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा में झारखंड में कम बारिश का मुद्दा उठाया. सांसद ने शुक्रवार को लोकसभा में झारखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. उन्होंने सदन में नियम 377 के अधीन ममला उठाते हुए कहा कि वे एक महत्वपूर्ण विषय की और ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं.
सूखाड़ जैसे हालात
दरअसल, जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिला के साथ-साथ झारखंड राज्य के अन्य जिलों में भी पानी नहीं बरसने के कारण सुखाड़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं. इस साल एक जून से जुलाई महीने तक 238.8 मिमी बारिश अभी तक हुई है. जबकि अभी 455.9 मिमी पानी बरस जाना चाहिए था
80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर
राज्य की 80 प्रतिशत आबादी खेती पर आश्रित है. लिहाजा, अभी तक झारखंड के 24 जिलों में बेहद कम बारिश हुई है. विशेषकर पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, गोड्डा, साहेबगंज और पाकुड़ में इस दौरान बारिश न के बराबर ही हुई है. वही झारखंड में मानसून के आने से अभी तक लगभग 48 प्रतिशत कम पानी बरसा है. साल 2023-24 के लिए खरीफ मौसम के दौरान बारिश में भारी कमी को देखते हुए झारखंड राज्य को सुखाड़ घोषित करने , इसके साथ ही आने वाले महिनों में राज्य में खाने-पीने के सामानों का संकट के साथ-साथ पशुओं को चारा प्रबंध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है.
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