जमशेदपुर (JAMSHEDPUR): भारत सरकार ने पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा के डुगरीडीह गांव के रहने वाले एक दिव्यांग बुजुर्ग और संगीतकार दुर्गा प्रसाद मुर्मू को संथाली संगीत जॉनर में अवार्ड देने की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद से सिर्फ गांव ही नहीं बल्कि प्रखंड, जिला और राज्य के लोगों में उत्साहित है.
दुर्गा मुर्मू ने 200 से भी अधिक संथाली गीत लिखे
खुशी दुर्गा प्रसाद मुर्मू ने अबतक 200 से अधिक संथाली गीत लिखे हैं. जिसमें 100 संथाली गीत, संथाली परंपरा पर किताब छप भी चुके हैं. लेकिन अब आलम यह है कि शरीर से असाहय होने के कारण अब न तो वह किताबें लिख पा रहे हैं, और न ही उनकी पहले से लिखीं किताबें छप पा रही हैं. ऐसे में अब दुर्गा प्रसाद मुर्मू की जिंदगी आर्थिक तंगी के साथ जद्दोजहद करने में बीत रही है. इनके जीवन में एक ऐसा भी दौर रहा जब यह बिल्कुल स्वस्थ और धनवान थे. इनके लिखे गीत न जाने कितने मशहूर हुए और इन्होंने कम समय में काफी ज्यादा उपलब्धि देखी.
कैसी रही दुर्गा प्रसाद मुर्मू की निजी जिदंगी
निजी जिदंगी में दुर्गा प्रसाद मुर्मू की दो शादी हुई. पहली पत्नी का नाम बिन्दू मुर्मू था. जिनके देहांत के बाद दुर्गा मुर्मू ने दूसरी शादी की. जिसका नाम मंजू मुर्मू है. दुर्गा प्रसाद मुर्मू आज अपनी दूसरी पत्नी के साथ ही रहते हैं.
रिपोर्टः रंजीत ओझा, जमशेदपुर