धनबाद(DHANBAD) नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तो पेंशन भोगियों की आस भी बढ़ी है. उन्हें उम्मीद है कि जिन सुविधाओं से उन्हें वंचित कर दिया गया था, अब फिर से बहाल हो सकती है. सिंदरी फैमिली नामक संस्था ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि देशभर के लगभग 75 लाख EPF 95 पेंशनधारियों का समय कठिन दौर से गुजर रहा है. अब तो उन्हें जीवन यापन करने में भी कठिनाई हो रही है. इस महंगाई के दौर में अगर किसी को केवल ₹1000 पेंशन की राशि मिलती हो तो उसका जीवन यापन कैसे होता होगा, यह तो सोचने वाली बात है. पत्र में कहा गया है कि EPF 95 पेंशनधारी पिछले 8 वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे है.
मांगो से भारत सरकार को अवगत कराते रहे है
अपनी मांग से भारत सरकार को अवगत कराते रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती. उनकी मांग है कि EPF 95 पेंशनरों की पेंशन राशि ₹1000 से बढ़ाकर 7500 किया जा ए. साथ ही डीए जोड़कर राशि दी जाए. पेंशनधारियों को पति-पत्नी की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए. वरिष्ठ नागरिकों को भारतीय रेल में पूर्व की भांति रेल किराए में 40% एवं 50% छूट की सुविधा प्रदान की जाए. वरिष्ठ नागरिकों को रेल में पहले छूट मिलती थी. लेकिन इसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया. तब से यह अभी तक बंद ही है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह एक बहुत बड़ी केंद्र सरकार की मदद थी.
रेलवे से कहीं आने-जाने में उन्हें सहूलियत मिलती थी
रेलवे से कहीं आने-जाने में उन्हें सहूलियत मिलती थी. लेकिन सरकार ने इसे बंद कर दिया. सिंदरी फैमिली ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि पेंशनरों द्वारा संचालित नेशनल एजीटेशन कमिटी द्वारा प्रस्तुत मांगू का हम पूरी तरह से समर्थन करते है. यह भी बताना चाहते हैं कि पिछली सरकारों में कई बार राज्यसभा एवं लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया. नेशनल एजीटेशन कमिटी ने कई बार संबंधित मंत्रियों से मुलाकात भी की, आश्वासन भी मिला लेकिन मांगे आज तक लंबित पड़ी हुई है. सिंदरी फैमिली ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर खींचा है. पत्र की प्रतिलिपि भारत सरकार के श्रम मंत्री सहित रेल मंत्री और अन्य कई सांसदों को भी दी गई है. सांसदों से उम्मीद की गई है कि पेंशनरों की समस्याओं को समझेंगे और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो