धनबाद(DHANBAD): 15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा आत्मसमर्पण करने की कोशिश में था. वह किसी भरोसेमंद अधिकारी की तलाश कर रहा था लेकिन इसकी भनक जब उसके साथियों को लगी तो अपने ही लोगों की दगाबाजी का वह शिकार हो गया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया. यह चर्चा तेजी से धनबाद जिले के टुंडी इलाके में फैली है. पुलिस ने गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र से शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया. हालांकि पुलिस अभी खुलासा करने से परहेज कर रही है और गुप्त स्थान पर पूछताछ कर नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है. झारखंड के धनबाद के क्षेत्र में भी वह काफी सक्रिय था. टुंडी में भी पुलिया में बम लगाने सहित लेवी वसूलने के कई मामले दर्ज हैं. वह इलाके में हमेशा आता-जाता था. पिछले 5 सालों से इलाके में उसका खासा दबदबा था. वह मनिया डीह थाना क्षेत्र के बालू घाट इलाके में अक्सर आया जाया करता था.
काफी सालों से पुलिस के लिए बना हुआ था सर दर्द
पुलिस सूत्रों की मानें तो कृष्णा बालू से लेकर बड़ी विकास योजनाओं में भी लेवी लेता था. लोग बताते हैं कि उसकी खासियत यह थी कि वह आम लोगों को परेशान नहीं करता था. केवल डुमरी और निमियाघाट थाना क्षेत्र में ही उस पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. लेवी नहीं देने के कारण कई भवनों को उड़ाने के मामले दर्ज हैं. पुलिस दल को भी उड़ाने के लिए प्रयास करने के कई आरोप है. पारसनाथ इलाके में पुलिस के लिए वह सर दर्द बना हुआ था. इस गिरफ्तारी से गिरिडीह और धनबाद पुलिस को बड़ी राहत मिली है. वह माकपा माओवादी संगठन में रीजनल कमेटी का मेंबर था, लेकिन शीर्ष नक्सलियों का हाथ उसके ऊपर रहने के कारण उसे पारसनाथ एरिया की जिम्मेदारी दी गई थी. गिरिडीह पुलिस ही नहीं बल्कि कई जिलों की पुलिस कृष्णा हंसदा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुटी हुई थी. वह हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जा रहा था. लेकिन पुलिस ने उसे लूसियो गांव में घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया. सूचना के अनुसार, गिरिडीह पुलिस को जानकारी मिली कि 15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा पारसनाथ की तराई वाले इलाके में अपने दस्ते के साथ मौजूद है. इसी सूचना के बाद यह छापामारी की गई और सफलता मिली.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद