धनबाद(DHANBAD): धनबाद मंडल कारा पर अभी कई एजेंसियों की नजर है. सुरक्षा टाइट कर दी गई है. दरअसल, सिंह मेन्शन की भाजपा नेत्री रागिनी सिंह के कथन के बाद वासेपुर का गैंगस्टर प्रिंस खान के वायरल वीडियो के बाद धनबाद जेल का माहौल किसी भी सूरत में नहीं बिगड़े, इसकी व्यवस्था की गई है. धनबाद जेल में पूर्व विधायक संजीव सिंह और उनके कई समर्थक बंद है. तो प्रिंस खान के भी परिवार के कई लोग और उसके समर्थक धनबाद जेल में बंद है. रागिनी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रिंस खान और अमन सिंह को कुख्यात अपराधी बताते हुए रघुकुल से इनके संबंध को जोड़ा था. उसके बाद प्रिंस खान ने एक वीडियो जारी कर रागिनी सिंह को धमकाया था.
प्रिंस खान ने वीडियो जारी कर दी थी धमकी
उसने कहा था कि वह राजनीति नहीं जानता, रक्तनीति जानता है. रागिनी सिंह को अगर रक्तनीति में शामिल होना है तो स्वागत करेगा और फिर देखेगा कि रक्तनीति में आगे कौन निकलता है.N उसने यह भी कहा था कि बहुत जल्द वह झरिया के इलाके में प्रवेश करेगा. साथ ही रागिनी सिंह के एक समर्थक का नाम लेते हुए धमकाया था कि उसकी भी हत्या करेगा और जिम्मेदारी भी लेगा. प्रिंस खाने वीडियो जारी कर सिंह मेंशन को खुली चुनौती दी है. इसके संभावित प्रतिकूल असर को देखते हुए जेल प्रशासन सहित कई एजेंसियों ने जेल पर नजर गड़ा दी है. इधर, पुलिस तो अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है ताकि अपराध की घटनाओं पर नियंत्रण लग सके. लेकिन ऐसा होता नहीं है.
हत्याओं के तार जेल से जुड़ते रहे है
हाल के दिनों में रंगदारी के लिए धमकी देने सहित हत्याओं के तार जेल से जुड़ रहे है. जेल प्रशासन भी जेल में पनप रहे अपराध पर अंकुश लगाने में सफल नहीं दिख रहा है. पिछले दिनों एटीएस के मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर दावा किया गया था कि शूटर अमन सिंह जेल के अंदर मोबाइल का प्रयोग कर रहा है. इसके बाद अमन सिंह को यहां से शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद भी अपराधी गिरोह का संचालन होता रहा है. धनबाद ही नहीं, झारखंड के अन्य कई जिलों से भी अपराधी गिरोह के संचालन की खबरें आती रहती है. धनबाद में अभी रंगदारी के लिए फायरिंग कराना, हत्या तक करा देने का दौर चल रहा है. और यह दौर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया है. पुलिस अब चिन्हित लोगों के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत कार्रवाई करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. देखना है पुलिस की इस कार्रवाई का क्या असर धनबाद के आपराधिक ग्राफ पर पड़ता है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह