रांची(RANCHI): झारखंड में जमीन घोटले में हर दिन एक नया खुलासा सामने आ रहे है. जांच में कई दस्तावेज और कॉल डिटेल्स सामने आए है. लेकिन अब जमीन दलालों और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच बात चीत से संबंधित तथ्य ईडी ने कोर्ट में रखा है. कोर्ट को ईडी ने बताया कि आखिर कैसे हेमंत सोरेन का नाम इस पूरे घोटाले से जुड़ा हुआ है. हेमंत के सह पर कैसे करीबियों ने जमीन की लूट कर करोड़ों रुपये कमाए है. इस पूरे खेल में हेमंत सोरेन की भूमिका के बारे में भी बताया है. इस सब के बीच हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है.
फर्जी जमीन बेच कर करोड़ों की आमदनी
ईडी ने जमीन घोटले मामले में PMLA कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल किया है. जिसमें बताया गया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कारीबियों ने आदिवासियों की जमीन को फर्जी तरीके से बेच कर करोड़ों रुपये कमाए है. साथ ही फर्जी दस्तावेज बनाने वालों की भी चांदी रहती थी. काम पूरा होने के बाद सभी का हिस्सा इस खेल में शामिल रहता था. सभी की अलग अलग जिम्मेवारी भी बाटी हुई थी. किसी को कोलकाता से मूल दस्तावेज को रांची लाना था तो कोई फर्जी डीड बनाता था. आखिर इस पूरे खेल का खुलासा हो गया.
भानू को हेमंत देते थे संदेश
इस खेल में करीब चार हजार फोन कॉल एक दूसरे को दलालों ने किया है. जिसमें सबसे अधिल अशरफ अली शामिल है. अशरफ ही सभी को कॉल करता था जिस दस्तावेज की जरूरत रहती उस पर चर्चा की जाती थी. इसमें यह भी खुलासा हुआ कि हेमंत सोरेन को कुछ संदेश देना होता था तो पहले वह भानू प्रताप को दिया करते थे. भानु हेमंत और अन्य दलालों के बीच एक कड़ी का काम करते थे.
कोर्ट में फैसला सुरक्षित
इससे अब हेमंत सोरेन की जमानत पर भी संशय बन गया है. जिस तरह से पूरे जालसाजी के खेल में हेमंत सोरेन की भूमिका को ईडी ने चार्जशीट में बताया है. इससे साफ है कि हेमंत और भी मुश्किल में पड़ सकते है. अगर बात झारखंड हाई कोर्ट कि करें तो हेमंत कि जमानत पर तीन दिन लंबी बहस चली है. हालांकि कोर्ट ने सभी की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस बहस के दौरान कोर्ट में ईडी ने कई दलील दी है. जिससे हेमंत सोरेन को जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है.