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KNOW YOUR MLA: छात्र आंदोलन में सीपी सिंह को क्यों जाना पड़ा था जेल, जानिए एक छात्र नेता से छह बार के विधायक बनने की पूरी कहानी

KNOW YOUR MLA: छात्र आंदोलन में सीपी सिंह को क्यों जाना पड़ा था जेल, जानिए एक छात्र नेता से छह बार के विधायक बनने की पूरी कहानी

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड की राजनीति में बहुत ही कम ऐसे नेता हैं, जो किसी भी मुद्दे पर खुलेआम अपनी बात रखते हैं. कभी-कभी अपने इसी स्वभाव के कारण वे विवादों में भी फंस जाते हैं, लेकिन जनता के हित में और राजनीतिक प्रतिद्वंदता में वे प्रखर रूप से अपने बोलने की प्रवृति से समझौता नहीं करते. ऐसे ही झारखंड के भी एक विधायक हैं. नाम है-  चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह. चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह को लोग सी.पी. सिंह के नाम से भी जानते हैं.

सी.पी. सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं. वे कई बार सरकार में शहरी विकास, परिवहन, संसदीय मामलों, पंजीकरण, आवास, आपदा प्रबंधन और नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. 2010-2013 तक वे झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह दशकों से राजधानी शहर रांची से झारखंड विधान सभा के सदस्य हैं और 1996 से लगातार छह बार विधायक बनते आए हैं. वे झारखंड के किसी भी अन्य भाजपा नेता से अधिक समय तक विधायक रहने वाले नेता हैं.

पलामू के रहने वाले हैं सीपी सिंह

सी.पी. सिंह का जन्म 16 जनवरी 1956 को झारखंड के पलामू जिले के नौगढ़ा गांव में राजेश्वरी देवी और जयमोहन सिंह के घर हुआ था. एक किसान परिवार में जन्मे CP Singh ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नौगढ़ा गांव में कक्षा 7वीं तक प्राप्त की. इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए रांची चले गए. उन्होंने अपनी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मारवाड़ी स्कूल से पूरी की. उन्होंने 1978 में रांची विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और छोटा नागपुर लॉ कॉलेज में दाखिला लिया. 1982 में कानून की डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने 2 साल तक कानून का अभ्यास किया.

बतौर छात्र नेता की राजनीतिक सफर की शुरुआत

अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान वह 1973 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बने और इंदिरा गांधी शासन के दौरान छात्र आंदोलन में आक्रामक रूप से शामिल हुए. 1973 से 1976 तक एवीबीपी के जिला प्रमुख होने के नाते सीपी सिंह ने जेपी आंदोलन में कांग्रेस सरकार के खिलाफ छात्र विरोध का नेतृत्व किया और जेल गए. उन्हें जनवरी 1976 से जुलाई 1976 तक हजारीबाग जेल में रखा गया था. हालांकि वे अपनी अंतिम स्नातक परीक्षा में चूक गए थे, लेकिन फिर भी वे अपनी भागीदारी को देश और राजनीति में उनके उल्लेखनीय योगदानों में से एक मानते हैं.

वह 1978 में जनता पार्टी में शामिल हुए लेकिन जब जनता पार्टी का विभाजन हुआ, तो वह 1980 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. अपने शुरुआती कार्यकाल में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा में सेवा की और पार्टी के भीतर रांची जिला अध्यक्ष और 1982 से 1996 तक बिहार में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर रहे. भारतीय जनता पार्टी द्वारा झारखंड की चुनावी राजनीति में उनका गहरा जुड़ाव रहा.

कई महत्वपूर्ण पदों पर किया काम

सी.पी. सिंह विधान सभा के लगातार छह बार सदस्य हैं. वह वर्ष 1996, 2000, 2005, 2009, 2014 और 2019 में रांची से विधायक चुने गए. विधान सभा में उन्होंने सरकार के सदस्य और विपक्ष के सदस्य के रूप में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. 2000 से 2006 तक, वह सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक थे और 2006 से 2009 तक वे विपक्षी दल के मुख्य सचेतक थे. जनवरी 2010 में उन्हें झारखंड विधान सभा के चौथे अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया जो एक संवैधानिक पद है.

रांची से लगातार छठी बार विधायक

सीपी सिंह लगातार छठी बार रांची से विधायक हैं. वे हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए सुलभ रहते हैं. उनका नंबर सार्वजनिक होता है, ताकि लोग उनसे सीधे जुड़ सकें. उनका आवास सभी के लिए 24/7 खुला रहता है. पिछले 26 वर्षों से हर दिन वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और अन्य लोगों के लिए अपने आवास पर "जनता दरबार" आयोजित करते हैं ताकि वे दूर-दूर से आने वाले लोगों की शिकायतों का समाधान कर सकें. विपक्षी दलों द्वारा कई बाधाओं के बावजूद रांची के लोगों ने उन्हें छठी बार चुना है, यह उन कई कारणों में से एक है.

कई बार सीपी सिंह को किया गया सम्मानित

झारखंड 2018 में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान पर रहा, और उसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सी.पी. सिंह को पुरस्कार दिया गया. 2019 में झारखंड को स्वच्छता में दूसरे सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में सम्मानित किया गया था और इस बार का पुरस्कार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंत्री सीपी सिंह को दिया. इसके साथ ही स्वच्छता (पब्लिक फीडबैक) में सर्वश्रेष्ठ शहर की श्रेणी में रांची प्रथम स्थान पर रहा और यह पुरस्कार केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी द्वारा सीपी सिंह को प्रदान किया गया.

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने सी.पी. के प्रयासों को मान्यता दी. लोक शिकायत प्रबंधन प्रणाली के लिए उन्हें पुरस्कार प्रदान किया गया. जब उन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किया था तो "जनसेवा पोर्टल" पूरे भारत में एकमात्र ऐसा पोर्टल था, जिसे सीपी सिंह ने विधायक के रूप में नागरिकों की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने और एक स्वयंसेवक आधारित शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने के लिए शुरू किया था, ताकि शिकायतकर्ता वास्तव में वास्तविक समय के आधार पर 24/7 उनकी शिकायतों की स्थिति ट्रैक कर सकें.

फेम इंडिया मैगजीन द्वारा भी सी.पी. सिंह को पूरे भारत में झारखंड से 'सर्वश्रेष्ठ मंत्री' का पुरस्कार दिया गया और यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे द्वारा दिया गया. सीपी सिंह वर्तमान में रांची के विधायक हैं और जनता की समस्याओं के लिए हमेशा ही तत्पर रहते हैं.

Published at:14 Dec 2022 03:00 PM (IST)
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