रांची(RANCHI): सीएम हेमंत सोरेन को जबसे ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा है झारखंड की सियासत में उथल पुथल मच गई है. एक ओर झामुमो की ओर से प्रेस कान्फ्रेंस कर ईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर झामुमो और कांग्रेस के विधायकों की बैठक हो रही है. मामला साफ है कि इस पूरी स्थिति पर सरकार की रणनीति क्या होगी. सरकार के स्तर पर तो विधायक और मंत्री रणनीति तय करेंगे ही, लेकिन पार्टी स्तर पर झामुमो ने रणनीति जरूर तैयार कर ली है. प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ कर दिया है कि ईडी और बीजेपी मिले हुए हैं और उनकी पार्टी इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करने जा रही है. मगर, उस बड़े आंदोलन से पहले झामुमो की ओर से एक आंदोलन की रूपरेखा तैयार जरूर कर ली गई है और इसमें कांग्रेस भी झामुमो का साथ देती नजर आ सकती है.
ईडी कार्यालय के घेराव की तैयारी
दरअसल, बताया जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन से ईडी द्वारा पूछताछ के विरोध में झामुमो कार्यकर्ता ईडी कार्यालय का घेराव करने की तैयारी में हैं. इसे देखते हुए ईडी ने कार्यालय में सुरक्षा बढ़ाने के लिए झारखंड पुलिस और crpf को पत्र लिख कर सुरक्षा की मांग भी की है. दूसरा ये भी है कि जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ईडी पूछताछ कर रही थी तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय का घेराव किया था. रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय का भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घेराव किया था. झामुमो की भी ठीक यही रणनीति होने वाली है.
विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र
वहीं बता दें कि ईडी के समन के बीच झारखंड सरकार ने विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें बताया गया है कि 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता विधेयक भी पेश किया जाएगा, जिसे पारित कराने की कोशिश सरकार करेगी. ये भी झामुमो और कांग्रेस की रणनीति का ही एक हिस्सा है. यूपीए अपने सभी चुनावी वादे पूरा करना चाहती है ताकि किसी भी स्थिति में जनता का समर्थन उसके साथ रहे.