धनबाद(DHANBAD) : झारखंड की प्रतियोगिता परीक्षा देनेवाले परीक्षार्थी तैयारी तेज कर दें. सरकार नौकरियों का पिटारा खोलने जा रही है. परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है. झारखंड की नई सरकार अब बेसिक मुद्दों पर काम करना शुरू कर दी है. किये गए वादों पर उसका पूरा ध्यान है. नए साल में कई उल्लेखनीय निर्णय हो सकते है. इधर, हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित सरकार रोजगार के मामले में सचेत और चौकस हो गई है. परीक्षा लेनेवाली संस्थाओं को विशेष निर्देश दिए गए है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बहुत जल्द 50,000 लोगों को सरकारी नौकरियां मिल सकती है. केवल झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं से इस साल कुल मिलाकर 40,000 से अधिक नई नियुक्तियां होंगी. झारखंड लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति सहित अन्य विभागों में नियुक्ति की उम्मीद की जा रही है.
वहीं, झारखंड पात्रता परीक्षा सहित 2404 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू होने की उम्मीद है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के जरिए 40,000 नियुक्तियां की जानी है. जिसमें सबसे अधिक 26,000 शिक्षकों की भर्ती होनी है. बताया जाता है कि परीक्षाओं की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. कई परीक्षाओं का परिणाम भी आना लगभग शुरू हो गया है. बताया जाता है कि सरकार इन परीक्षाओं को लेकर गंभीर है. यह भी बताया जाता है कि झारखंड में प्रारंभिक विद्यालयों में 26,000 सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए परीक्षा हो चुकी है. फाइनल उत्तर पुस्तिका भी आयोग के स्तर से जारी कर दी गई है. इसके परीक्षाफल की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित एसएलपी के फैसले के आलोक में की जाएगी. वहीं झारखंड नगर पालिका सेवा संपर्क के 921 पदों के लिए आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित होना शुरू हो गया है.
इतना ही नहीं 583 पदों पर नियुक्ति के लिए उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी. इस प्रतियोगिता परीक्षा की अभ्यर्थियों का शारीरिक जांच का परीक्षण हो चुका है. झारखंड पैरामेडिकल संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा होनी है. इसके माध्यम से 2,532 पदों पर पैरामेडिकल के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो झारखंड सरकार गंभीर हो गई है और रोजगार को लेकर विपक्षी दलों ने जो भी प्रहार सरकार पर किया था. उसका जवाब अब परिणाम के माध्यम से हेमंत सोरेन की सरकार देने में लगी हुई है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो झारखंड सरकार के पिटारे से नौकरियां खूब निकलेंगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो