धनबाद(DHANBAD): 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सामान्य विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के मंत्री अथवा प्रत्याशियों ने ही पार्टी की लुटिया डुबो दी. संथाल का महागामा विधानसभा ही एक ऐसी सामान्य सीट है ,जहा लड़ाई बराबरी की रही. वैसे केवल उन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली, जो आदिवासी सुरक्षित सीट है अथवा मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. यानी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ गुस्से से कांग्रेस को भी लाभ मिल गया है. हालत यह रही कि प्रत्याशी तक अपने विधानसभा क्षेत्र में खुद को बढ़त नहीं दिला सके. यह बात सच है कि आदिवासी और मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस को बढ़त मिली है. हजारीबाग से कांग्रेस के उम्मीदवार जेपी भाई पटेल खुद मांडू में पीछे रह गए. गोड्डा से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप यादव अपने विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ गए.
महागामा सामान्य सीट पर बची कांग्रेस की प्रतिष्ठा
संथाल में महागामा सामान्य सीट अपनी इज्जत बचा सकी और वह लगभग बराबरी तक पहुंच गई. बाकी सब जगह तो सामान्य सीटों पर कांग्रेस की दुर्गत रही. जमशेदपुर पश्चिम से मंत्री बन्ना गुप्ता भी झारखंड मुक्ति मोर्चा को बढ़त नहीं दिला सके. जरमुंडी से कृषि मंत्री बादल पत्र लेख भी बढ़त नहीं दिला पाए. हजारीबाग लोकसभा में जेपी भाई पटेल खुद अपने विधानसभा मांडू क्षेत्र में पीछे रह गए. बेरमो में कांग्रेस के विधायक अनूप सिंह भी गठबंधन के मथुरा महतो को बढ़त नहीं दिला सके. झरिया विधानसभा से कांग्रेस की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह को बढ़त नहीं दिला सकी. हां, यह अलग बात है कि जामताड़ा में कांग्रेस को बढ़त मिली. यहाँ से कांग्रेस के डॉक्टर इरफान अंसारी विधायक है , तो उधर पाकुड़ में भी कांग्रेस को बढ़त मिली है. यहाँ से जेल गए आलमगीर आलम कांग्रेस के विधायक है. यानी यह बात आईने की तरह साफ हो गई है कि आदिवासी और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ही कांग्रेस को विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है.
झारखंड के सामान्य सीटों पर पीछे रही कांग्रेस
सामान्य सीटों पर वह पिछड़ती चली गई है. गठबंधन को लोकसभा क्षेत्र में जिन पांच सीटों पर जीत मिली है, वह सब आदिवासी बहुल क्षेत्र है. उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक हजारीबाग लोकसभा सीट के बड़का गांव विधानसभा में भी कांग्रेस पिछड़ी. यहाँ से अम्बा प्रसाद कांग्रेस की विधायक है. बड़का गांव में जेपी भाई पटेल को 74,548 वोट मिले जबकि भाजपा के मनीष जायसवाल को 1,33,579 वोट मिले. बरही से कांग्रेस प्रत्याशी को 51,988 वोट मिले जबकि भाजपा को 1,33,167 वोट मिले. यहाँ से उमा शंकर अकेला कांग्रेस के विधायक है. मांडू विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो जेपी भाई पटेल यहां खुद पीछे रह गए. यही से वह विधायक है. उन्हें 86,609 वोट मिले जबकि मनीष जायसवाल को 1,18,672 वोट मिले. जमशेदपुर पश्चिमी, जहां से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विधायक हैं, वहां भाजपा को 1,33,172 वोट मिले जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के समीर मोहंती को 77,474 वोट पर संतोष करना पड़ा. लोहरदगा आदिवासी सीट पर कांग्रेस को बढ़त मिली.रामेश्वर उरांव यहाँ से कांग्रेस के विधायक है. यहां सुखदेव भगत को 97,310 वोट मिले जबकि भाजपा के समीर उरांव को 70,056 वोट से संतोष करना पड़ा. इसी प्रकार मांडर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के सुखदेव भगत को 1,31,383 वोट मिले जबकि समीर उरांव को 82,466 वोट मिले. यहाँ कांग्रेस लीड में रही. नेहा तिर्की यहाँ से कांग्रेस की विधायक है. खूंटी विधानसभा क्षेत्र से कालीचरण मुंडा को लीड मिली.
सिमडेगा में आगे -आगे चली कांग्रेस
कालीचरण मुंडा को यहां 80,951 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अर्जुन मुंडा को 48,401 वोट से संतोष करना पड़ा. सिमडेगा से कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 81,691 वोट मिले जबकि अर्जुन मुंडा को 72, 263 वोट पर संतोष करना पड़ा. सिमडेगा से भूषण बाड़ा कांग्रेस के विधायक है. रांची लोकसभा के खिजरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय को 1,13,868 वोट मिले जबकि भाजपा के संजय सेठ को 97,535 वोट से संतोष करना पड़ा. खिजरी से राजेश कच्छप कांग्रेस के विधायक है. सिंघभूम लोकसभा क्षेत्र में आने वाले जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की गीता कोड़ा को 49,105 वोट मिले जबकि झामुमो की जोबा माझी को 70,0 82 वोट मिले. यहाँ से सोना राम सिंकू विधायक है. बेरमो विधानसभा क्षेत्र से आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी को 84,651 वोट मिले जबकि मथुरा प्रसाद महतो को59,183 वोट से संतोष करना पड़ा. यहाँ से कांग्रेस के अनूप सिंह विधायक है. धनबाद लोकसभा के झरिया विधानसभा सीट में भाजपा के ढुल्लू महतो को 37000 की लीड मिली. झरिया से पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस की विधायक है.
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में भी पिछड़ी कांग्रेस
गोड्डा लोकसभा सीट के जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से निशिकांत दुबे को 1,07,082 वोट मिले तो कांग्रेस के प्रदीप यादव को केवल 62,684 मत मिले. यहां से झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्र लेख विधायक है. इसी प्रकार पोड़ैयाहाट है विधानसभा क्षेत्र से निशिकांत दुबे को 1,01,676 वोट मिले है जबकि खुद के विधानसभा में प्रदीप यादव को केवल 93,136 मत मिले.महागमा विधानसभा में भाजपा को 99,018 वोट मिले तो कांग्रेस के प्रदीप यादव को 99,139 वोट प्राप्त हुए. यहाँ से दीपिका सिंह पांडेय कांग्रेस की विधायक है. आंकड़े तो यही बताते हैं कि सामान्य सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी अथवा कांग्रेस के विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी अथवा गठबंधन के उम्मीदवार को बढ़त नहीं दिला सके. लेकिन आदिवासी सीटों पर या अल्पसंख्यक सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली है. अब कांग्रेस पूरे मामले की समीक्षा करेगी. इसके अलग-अलग कारण बताये जाएंगे. लेकिन आंकड़े तो सब कुछ बता रहे हैं और विधानसभा चुनाव की तैयारी की खाका भी खींचने की राह दिखा रहे है.
कांग्रेस के प्रदेश संगठन पर भी उठ रहे सवाल
कांग्रेस निश्चित रूप से इस परिणाम की समीक्षा करेगी. रांची से लेकर दिल्ली तक बात होगी. कांग्रेस का प्रदेश संगठन भी सवालों के घेरे में होगा. हजारीबाग में भाजपा से लाकर प्रत्याशी देने का प्रयोग पूरी तरह से विफल रहा. चुनाव में भी संगठन कहीं दिखा नहीं. धनबाद लोकसभा में भितरघात के खतरे से निपटने के लिए भाजपा ने जो प्रयास किये , उसके परिणाम तो दिखे लेकिन कांग्रेस की ओर से भितरघात से निपटने का कोई प्रयास नहीं किया गया. यहां तक कि कई चुनाव क्षेत्र में प्रभारी तक नियुक्त नहीं किए गए. चुनाव के बाद कांग्रेस के प्रदेश संगठन पर सवाल दागे जा रहे है. अब देखना है कि इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है. विधानसभा चुनाव भी गठबंधन के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस संगठन अब आगे क्या रास्ता तैयार करता है, इस पर भी लोगों की नजर लगी हुई है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 81 में से 16 सेट जीती थी. 2024 में झारखंड में कांग्रेस को अपना कद बढ़ाना है तो और अधिक सीटें जितनी होगी. इसके लिए संगठन की सोच, संगठन की ताकत को भी बढ़ाना होगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो