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Jhariya Fire: झरिया की भूमिगत आग अब 109 साल की हुई,कलाकारों ने क्यों उकेरी इसकी भयावहता, पढ़िए

Jhariya Fire: झरिया की भूमिगत आग अब 109 साल की हुई,कलाकारों ने क्यों उकेरी इसकी भयावहता, पढ़िए

धनबाद(DHANBAD):  झरिया के घनुडीह की  आग अब 109 साल पुरानी हो गई है.  इस आग  की चर्चा धनबाद से लेकर दिल्ली तक हुई, विदेश में भी इस भूमिगत आग  की चर्चा हुई.  आग  की भयावता को देखने के लिए विदेश से भी लोग पहुंचे.  केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी आये.  दावा किया जा रहा है कि भूमिगत आग  को बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया गया है.  लेकिन नियंत्रण की रफ्तार कितनी है, कब तक आग पर काबू पा लिया जाएगा, यह दावा करने वाला अभी तक कोई सामने नहीं आया है.  विदेशी फोटोग्राफर और रिसर्चर भी झरिया पहुंचे.  झरिया की विनाशकारी आग  की तस्वीर ली, लेकिन आग  अभी भी बनी हुई है.  राष्ट्रीय संपत्ति का लगातार नुकसान हो रहा है.

 अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस' पर झरिया की  संस्था 'इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी' द्वारा एक विशेष कला अभियान की शुरुआत की गई है.  इस अभियान के तहत झरिया के घनुडीह  क्षेत्र में 109 साल पुरानी झरिया    की भूमिगत आग की  आकर्षक पेंटिंग बनाई गई है.  7-8 युवा कलाकार इस कार्यक्रम में शामिल हुए और आग स्थल के पास पेंट और ऐक्रेलिक रंगों से कैनवास पर अपनी कलाकृतियाँ उकेरीं, कहा, "हम इस ऐतिहासिक अग्नि क्षेत्र के प्राकृतिक दृश्यों को चित्रित करके बहुत खुश है.  हमने अपने माता-पिता से ऐसी कोयला आग के बारे में सुना था, लेकिन पहली बार इसे करीब से देख रहे है.  आग के रंगों में भी सुंदरता होती है"

गौरतलब है कि पिछले 25 वर्षों में एक सदी पुरानी आग का दस्तावेजीकरण करने के लिए दर्जनों वृत्तचित्र फ़िल्में बनाई गई.  100 से ज़्यादा विदेशी फ़ोटोग्राफ़र/शोधकर्ता ऐसी विनाशकारी आग की तस्वीरें लेने झरिया आए, लेकिन झरिया में कोई बदलाव नहीं आया.  ये कला दस्तावेजीकरण का हिस्सा है. 25 अक्टूबर प्रसिद्ध कलाकार पाब्लो पिकासो का जन्मदिन है.  उनके जन्मदिन पर  'अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस' मनाया जाता है. आज झरिया में, आईएनए के पिनाकी रॉय और ललित कला केंद्र, धनबाद के वरिष्ठ कलाकार संजय पंडित के मार्गदर्शन में युवा कलाकार निधि अग्रवाल, आनंद पंडित, रिंकी कुमारी, रुद्र जीत पॉल, आदित्य सोनी, सुमित कुमार उत्साहपूर्वक कला शिविर में शामिल हुए. 

कार्यक्रम में मौसमी रॉय, संजय पंडित, पिनाकी राय  ने युवा कलाकारों को 'झरिया की धधकती आग' को कला में ढालने में मदद की. यह 'अग्नि क्षेत्र-कला अभियान' पिछले कई वर्षों से " इंस्टीट्यूशन फॉर नेशनल एमिटी'" (आईएनए) द्वारा 31 अक्टूबर को आयोजित किया जाने वाला 'अग्नि-वंदना' कार्यक्रम का अंग है. मुख्य आयोजक झरिया के सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी रॉय ने कहा, "आग पर चित्र बनाना केवल एक कला नहीं है, बल्कि कर्म का आह्वान है.  सब जानते है कि झरियावासियों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 जून 2025 को 5940 करोड़ रुपये का एक मास्टर प्लान फंड स्वीकृत किया गया है.  देखते हैं आगे क्या होता है "

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

Published at:25 Oct 2025 12:51 PM (IST)
Tags:DhanbadJhariyaFireChitraSanstha
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