जमशेदपुर(JAMSHDPUR): इन दिनों जमशेदपुर से सटे परसुडीह, घाघीडीह पंचायत क्षेत्र के चार सौ से अधिक घर जो रेलवे और बिहार सरकार के नाबाद क्षेत्रों मे बने है, उसे तोड़ने के लिए रेलवे की ओर से नोटिस भेजा गया है. नोटिस में 31 जनवरी का अंतिम समय दिया गया है. नोटिस के मुताबिक 31 जनवरी तक जगह खाली करें नहीं तो विभाग द्वारा अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा. नोटिस मिलने के बाद क्षेत्र के 400 घरों मे रहने वाले परिवारों के सामने बड़ी मुसिबत आ गई है.इतने बड़े संख्या मे घरों को तोड़े जाने के विरोध मे जिला परिषद अध्यक्ष के नेतृत्व मे सैकड़ो मुखिया उपायुक्त से मिल कर इस समस्या का समाधान निकलने की मांग की है.
घर टूटने से बेघर हो जायेंगे 8 हजार परिवार
वहीं बस्ती के लोगो की माने तो उनका कहना है कि 70 वर्षो से वे लोग वहां रह रहें है, लेकिन एका एक इस जगह को खाली करना पड़े तो वे लोगो इतनी ठंड मे कहां जाएंगे, उनका कहना है कि अभी बच्चे परीक्षा की तैयारी कर रहें है, अभी उनका आशियाना टूट जाएगा तो बच्चों की पढ़ाई भी बर्बाद हो जायेगी. इन 400 घरों मे 8 हजार से भी अधिक की आबादी निवास करती है. लेकिन घर टूट जाने से सभी सड़क पर आ जाएंगे. मुखिया ने भी कहा कि जितना रेलवे की जमीन है उसे लेकर नाबाद बिहार सरकार की जमीन पर बसे लोगों के घरों को नहीं तोड़ा जाए, वहीं रेलवे की जमीन पर बने मकानों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
पढ़ें मामले पर डीसी ने क्या कहा
इस पुरे मामले पर जिला के उपायुक्त अनंय मित्तल ने कहा कि वे रेलवे के अधिकारियों के सम्पर्क में है, जितना कम घरों को तोडना पड़े उसको लेकर चर्चा की जा रही है. यदि वर्षो से रह रहें लोगों के घर टूटते है तो 8 हजार परिवार सड़क पर आ जाएगा, और ये सभी परिवार साधारण परिवार है, देखना यह है कि रेलवे के इस नोटिस का क्या विकल्प निकलता है, क्या ये चार सौ घर टूटेंगे या फिर कोई वैकल्पिक व्यवस्था रेलवे करेगा. यह आने वाला समय ही बताएगा.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा