जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : बरसात का मौसम आ गया है ऐसे में कई जगह जलजमाव जैसी समस्या हो जाती है. बारिश के मौसम के आते ही जहां एक तरफ लोगों में खुशियां देखने को मिलती है वहीं दूसरी तरफ जलजमाव के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब जमशेदपुर में नगर निगम पूरी तरह एक्शन में है. शहर में बारिश से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जा रही है ताकि यदि बारिश होती है तो किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो सड़कों पर जल जमाव न हो इसका खास ध्यान रखा जा रहा है.
नालों में जाम की समस्या
जमशेदपुर शहर में बारिश से निपटने के लिए, दोनों विभाग द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर बड़े और छोटे नालों की सफाई करवाई जा रही है, जिससे बारिश के समय बारिश और नाला का पानी जाम ना हो सके और आम लोगों को इससे परेशानी ना हो, हालांकि बता दें कि जमशेदपुर शहर में बारिश के समय अधिसूचित क्षेत्र समिति और मानगो नगर निगम क्षेत्र में लगातार नालों में जाम की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे सैकड़ों घरों में बारिश और नालों का पानी घुस जाता है, जिससे हर वर्ष लोगों का नुकसान होता है.
पानी सीधे नदी में गिराया जा सके
इस बार दोनों नगर निकाय के अधिकारियों ने दावा किया है कि इस बार इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी, उसको लेकर पहले से ही पूरी तरह से तैयारी की जा रही है, निचले इलाकों में बड़े-बड़े मोटर भी लगाए जाएंगे जिससे बारिश ज्यादा हो तो उसका पानी सीधे नदी में गिराए जा सके, वहीं दूसरी तरफ लगातार बड़े और छोटे नालों की सफाई करवाई जा रही है दोनों अधिकारियों ने आम लोगों से भी अपील की है कि वह कचड़ो को सीधे नाले में ना डालें, लगातार शिकायत मिलती है कि कई लोग अपने कचड़ों को बोरे में या प्लास्टिक में बांधकर नाले में डाल देते हैं, जिसकी वजह से नाला जाम हो जाता है और बारिश के समय नाला ओवरफ्लो हो कर उनके ही घरों में घुसता है .
अधिकारियों का दावा
हालांकि दोनों अधिकारियों ने दावा किया है कि शहर के तमाम क्षेत्रों में नालों की सफाई युद्ध स्तर पर की जा रही है जिससे कोई भी नाला बारिश के समय जाम ना हो सके उसको लेकर पूरी तरह से काम किया जा रहा है. बरसात के समय भी लगातार यह काम जारी रहेगा वहीं आम लोगों के लिए फोन नंबर भी जारी किया गया है. जिससे कहीं भी बारिश के समय पानी का जलजमाव हो या नाला ओवरफ्लो हो उसकी शिकायत तत्काल की जाए जिससे 24 घंटे के भीतर उसको दुरुस्त किया जा सके.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा