देवघर(DEOGHAR): झारखंड का संथाल परगना क्षेत्र झामुमो का गढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र में भाजपा कड़ी मेहनत कर रही है. हाल ही संपन्न लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ संताल परगना के तीनों सीट पर चुनाव लड़ी है. लेकिन एक सीट जीतकर ही भाजपा को संतुष्ट होना पड़ा. इस तरह भाजपा संताल परगना में झामुमो को जहां एक और सफाया करने की रणनीति तैयार कर रही है वहीं दूसरी ओर पार्टी के कार्यकर्ता और नेता आपस में लड़ झगड़ रहे हैं.
देवघर में सांसद और विधायक आमने-सामने
लोकसभा चुनाव में भाजपा पार्टी का परफॉर्मेंस का आकलन करने के लिए प्रदेश स्तर से एक कमेटी तीनों लोकसभा क्षेत्र का दौरा कर रही है. आज पार्टी की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय और महामंत्री आदित्य साहू द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में संपन्न लोकसभा चुनाव में पार्टी का नफा नुकसान का समीक्षा की जानी थी. लेकिन बीच बैठक में ही सांसद निशिकांत दुबे के समर्थक अचानक पार्टी के नेता,विधायक और कार्यकर्ताओं पर धावा बोल दिया और जमकर हंगामा,गाली गलौज और मारपीट शुरू कर दी. सुरक्षा कर्मी के हस्तक्षेप के बाद मामला को शांत कराया गया. निशिकांत दुबे के समर्थक का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में देवघर विधायक नारायण दास द्वारा निशिकांत दुबे के विरोध में चुनाव प्रचार किया गया था. शायद इसी का खुन्नस निकालने के लिए आज पार्टी नेताओं की मौजूदगी में सांसद समर्थकों के द्वारा स्थानीय विधायक के साथ धक्का मुखी, गाली गलौज, महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. इस संबंध में निशिकांत समर्थकों पर मामला दर्ज भी कराया गया है. दूसरी ओर सांसद समर्थक भाजपा नेत्री विनीता पासवान द्वारा भी कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक समर्थकों पर भी मामला दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इनके द्वारा एसपी से मिलकर उनके आश्वासन पर नगर थाना में लिखित भी दी गई है. अब देखना होगा कि पुलिस की क्या कार्रवाई होगी.
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सांसद का पुतला किया दहन किया
आज की बैठक में सांसद समर्थको के द्वारा जो घटना घटित की गई है उसे स्थानीय विधायक नारायण दास और पार्टी के नेताओं द्वारा घोर निंदा करते हुए इसका विरोध प्रकट किया गया है. विधायक का मानना है कि सांसद निशिकांत दुबे पार्टी और संघ से बड़े हैं उनकी नजर में विधायक और मंत्री का कोई वैल्यू नहीं है. इतना ही नहीं न संगठन और ना संघ से सांसद को कोई मतलब है. यही कारण है कि इनके कथित लगभग दर्जन भर समर्थक विरोध किए हैं,जिनकी पहचान कर ली गई है और पूरा मामला सीसीटीवी में भी कैद हो गया है. पार्टी के निर्देश पर महामंत्री आदित्य साहू और उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय के समक्ष यह घटना घटित हुई है. जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।दलित विधायक के ऊपर इस तरह का व्यवहार को पार्टी के दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है.इसको लेकर स्थानीय टावर चौक पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का पुतला पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जलाया गया. इस दौरान सांसद के विरोध में जमकर नारेबाजी की गईं. पार्टी की कार्यकर्ताओं का माने तो अगर सांसद समर्थको पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो भाजपा के कार्यकर्ता जो दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अतिपिछड़ा समुदाय से आते हैं वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. आज की घटना से एक बात तो तय है की पार्टी से ऊपर भाजपा में जनप्रतिनिधि है जिनके इशारे पर कोई भी काम करने को उनके गुर्गे तैयार रहते हैं.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा