धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो ने संसद में धनबाद के युवाओं के खेल भविष्य और क्षेत्र में उच्च स्तरीय खेल अवसंरचना के विकास को लेकर मुद्दा उठया. सांसद ने धनबाद में एक आधुनिक एवं बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि, धनबाद खेल प्रतिभा से समृद्ध क्षेत्र है, जहाँ क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स सहित अनेक क्षेत्रों में युवा अपनी क्षमता साबित कर रहे हैं, इसलिए एक बड़े स्तर के खेल परिसर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है.
सांसद ने सरकार से यह जानना चाहा कि क्या इस प्रकार के स्टेडियम के निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है और यदि भेजा गया है, तो उसके संबंध में क्या कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मंत्रालय इस परियोजना को किसी योजना के अंतर्गत स्वीकृति देने की दिशा में विचार कर रहा है तथा क्या प्रस्तावित स्टेडियम में इंडोर हॉल, जिम, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल जैसी मल्टी-सुविधाओं को शामिल करने की योजना है.
इसके जवाब में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सदन को बताया कि मंत्रालय को अभी तक धनबाद में ऐसे किसी बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम के निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. इसलिए इस विषय पर आगे की कार्रवाई भी नहीं हो पाई है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि खेल अवसंरचना का विकास मुख्यतः राज्य सरकार के अधीन विषय है, जबकि केंद्र सरकार केवल ‘खेलो इंडिया’ एवं ‘नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड’ जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्यों के प्रयासों को मजबूत करती है. उन्होंने यह भी बताया कि देशभर की स्वीकृत खेल परियोजनाओं का विस्तृत विवरण और प्रगति से संबंधित सभी जानकारियाँ मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध है.
सांसद ने इस उत्तर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धनबाद के युवा खेल के क्षेत्र में असाधारण क्षमता रखते हैं, लेकिन उचित संसाधन और विश्वस्तरीय सुविधाओं के अभाव में वे अपनी प्रतिभा को पूरी तरह विकसित नहीं कर पाते. उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि धनबाद के लिए बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार कर केंद्र को भेजा जाए, ताकि क्षेत्र में खेलों का माहौल और रोजगार के अवसरों का विस्तार हो सके. उन्होंने कहा कि वे धनबाद के विकास और युवाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आगे भी मजबूती से संसद में उठाते रहेंगे.
